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अब विदेशो में बिकेगी बलिया की सब्जियां,शुरू हुई भंडारण-पैकेजिंग की व्यवस्था,जानिए विस्तार से

बलिआ जिले को सब्जी का कटोरा कहते हैं। कारण कि गंगा और सरयू के तटवर्ती इलाके में परवल, मटर, लाल मिर्च, गोभी और आलू का उत्पादन अच्छा है। 17,215 हेक्टेयर खेत में सब्जियों का उत्पादन होता है। करीब एक लाख परिवार जुड़े हैं, लेकिन कई किसानों को लागत निकालने में तकलीफ होती है। मुट्ठी भर सब्जी उत्पादकों की पहुंच गैर प्रांतों तक है।

अब बलिया की सब्जियां विदेश में भी जायका बढ़ाने वाली हैं। जिला प्रशासन ने बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है। सब्जियों के भंडारण व पैकेजिंग की व्यवस्था होगी। विदेशी बाजार के अनुरूप किसान सब्जी का उत्पादन करेंगे। आयातक की डिमांड के अनुसार बोवाई होगी। विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है।

स्थानीय सब्जियों का विदेश में निर्यात होने पर काश्तकारों को दाेगुना मुनाफा होगा। पहले फेज में गोभी और मटर का चयन हुआ है, इसके निर्यात की रूपरेखा तैयार की जाने लगी है। इसके लिए डीएम सौम्या अग्रवाल ने एपिडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) से पहले दौर की वार्ता शुरू की है। अगले महीने तक कलेक्ट्रेट परिसर में एपिडा सब्जी उत्पादक, निर्यातक और दुनिया के आयातकों की आनलाइन मीटिंग आयोजित करेगी। इसके बाद एमओयू (मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

प्रमुख सब्जी की खेती

2043 हेक्टेयर शाकभाजी

8621 हेक्टेयर आलू

3640 हेक्टेयर मटर

1028 हेक्टेयर प्याज

405 हेक्टेयर भिंडी

300 हेक्टेयर परवल

215 हेक्टेयर हरी मिर्च

इन सब्जियों का उत्पादन भी : करेला 52 हेक्टेयर, बिंस 10, लौकी 216, बैगन 125, फूलगोभी 200, पत्तागोभी 81, गाजर 35, कद्दू 7, मूली 76, तोराई 61, टमाटर 95 व शलजम की खेती 5 हेक्टेयर में होती।

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