जबसे कोरोनावायरस का शुरुआत हुआ है तब से लेकर आज तक लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है। बढ़ती महंगाई का आलम यह है कि लोगों के थाली में अब सब्जियां कम हो गई है।
आज 18 जुलाई को कई सीटों पर 5% जीएसटी लागू होगा जिसके बाद से आटा के साथ-साथ दही और लक्की के दाम भी काफी ज्यादा बढ़ जाएंगे। अभी तक पैक्ड लस्सी, दही और बटर वगैरह जीएसटी के दायरे से बाहर थे।
डेयरी कंपनियों की कमाई पर पड़ेगा असर
डेयरी उत्पादों में दही प्रमुख उत्पाद होता है और उससे उसे कुल कमाई का 15 से 25 प्रतिशत हिस्सा आता है। जीएसटी बढ़ने पर इन उत्पादों की बिक्री कम होती तो डेरी कंपनियों की कमाई सीधा बढ़ जाती है लेकिन जीएसटी लागू के बाद हो सकता है कि इनका खरीदारी कम हो जाए।
बहुत बड़ी संख्या में लोग घर में दही जमाने की बजाय डेयरी कंपनियों की दही खरीदते हैं।
बैठक कर व्यापारियों ने जताया रोष
महेवा मंडी में चेंबर आफ कामर्स के तत्वावधान में व्यापारियों की बैठक हुई। जिसमें जिसमें दाल, गेहूं व आटा समेत अधिकांश रोजमर्रा वस्तुओं पर 18 जुलाई से जीएसटी लगाने के जीएसटी काउंसिल के निर्णय पर रोष जताया गया। व्यापारियों ने कहा कि इसके विरोध में शनिवार को गोरखपुर आसपास के जिलों को छोड़कर उप्र में भी व्यापारियों ने जीएसटी के विरोध में देश की सभी मंडी, दाल मिलर्स, रोलर फ्लोर मिलें, आटा चक्कियां व खाद्यान्न प्रोसेसर्स यूनिटें बंद रखीं। व्यापारियों ने कहा कि इस निर्णय से न सिर्फ महंगाई बढ़ेगी, बल्कि व्यापार पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
वस्तु पैकेट में वर्तमान कीमत जीएसटी के बाद
दही 400 ग्राम 30 31. 50
लस्सी 20 21
पनीर 200 ग्राम 80 84
शहद एक किलो 450 472
शहद आधा किलो 240 262
आटा दस किलो 400 420
आटा पांच किलो 200 210।