उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिश से उत्तर प्रदेश में कृषि अपशिष्टों से बायोकोल बनाने की शुरूआत जनवरी में ही हो चुकी है.
अब किसानों की आय बढ़ाने के लिए पराली और गोबर की भूमिका महत्वपूर्ण होंगी.पराली और गोबर के माध्यम से किसानों की अब आय बढ़ेगी.
पराली जलाने से रोक लगने के कारण प्रदूषण रुक सकेगा . इसके लिए केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश में 125 कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाए जा रहे हैं. अब इससे रोज लगभग 666 टन गैस का उत्पादन होगा. इन कंपनियों के जरिए प्रदेश में औसतन करीब 100 करोड़ रुपए का निवेश होगा और स्थानीय स्तर पर हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
पराली के साथ 15 फीसदी गोबर मिलाया जाएगा-
गोरखपुर के धुरियापार में इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड की तरफ से 300 करोड़ की लागत से सीबीजी प्लांट लगाया जा रहा है. यह पराली पर आधारित है और इसमें 15 फीसदी गोबर भी मिलाया जाएगा. अफसरों का कहना है कि उनकी कोशिश है कि अगले साल मार्च से ट्रायल शुरू हो और जून से प्लांट संचालित हो जाएगा
रिजर्व बैंक ने इस योजना को दिए हरी झंडी-
रिजर्व बैंक ने सीबीजी प्लांट को प्रायरिटी सेक्टर में रखा है, जिससे इसके निर्माण के लिए लोन आसानी से मिल सकेगा. स्टेट बैंक ने ऐसे प्लांट के लिए लोन स्कीम भी शुरू कर दी है. ऑयल कंपनियों ने 46 रुपए प्रति किलो के हिसाब से गैस के दाम भी तय कर दिए हैं, जो सीबीजी प्लांट से खरीदी जाएगी.