उत्तर प्रदेश के साथ-साथ भारत के कई राज्यों में अभी बिजली की समस्या है.यूपी के कई गांव में बिजली में कटौती की गई है क्योंकि अभी कोयला के खदानों में पानी भर गया है और कोयले की कमी हो गई है. इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने योगी सरकार से बिजली बिल कम करने की मांग की है.
उन्होंने कहा है कि बिजली कंपनियों पर निकल रहे उपभोक्ताओं के 20596 करोड़ के एवज में बिजली दरें कम की जाएं. परिषद ने कहा है कि जल्द से जल्द सरकार इस रिपोर्ट पर हस्तक्षेप करें. उन्होंने कहा है कि विधानसभा चुनाव नजदीक है जिसको देखते हुए कई पार्टियां बिजली बिल माफ और आधा करने की बात कर रही है. बिजली बिल एक चुनावी मुद्दा बनाया जा सकता है इसलिए सरकार जल्द से जल्द बिजली बिल कम करके एक सकारात्मक संदेश उत्तर प्रदेश के लोगों को दें.
उन्होंने कहा है कि परिषद द्वारा नियामक आयोग में दाखिल बिजली कम करने की याचिका पर नियामक आयोग जो जवाब मांगा है उसे देने में बिजली बिल कॉरपोरेशन जानबूझकर देरी कर रहा है.
आयोग का कहना है कि योगी सरकार बिजली बिल कम करेगी तो जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश जाएगा. विपक्ष के कई पार्टियां बिजली बिल को एक मुद्दा के रूप में इस विधानसभा चुनाव में उठाने की तैयारी कर रही है लेकिन अगर योगी सरकार द्वारा बिजली बिल कम कर दिया जाएगा तो विपक्ष को इस मुद्दे को उठाने का मौका ही नहीं मिलेगा.