उत्तर प्रदेश सरकार दहेज प्रथा पर रोक लगाने की तैयारी पर है. 2004 के बाद जिन अफसरों और कर्मचारियों की शादी हुई है सरकार उनसे अब उनकी शादी में क्या-क्या खर्च लड़की वालों ने किया है इसका ब्यौरा मांगने वाली है.
प्रयागराज के 10000 कर्मचारियों से इसकी नोटिस अभी तक मांगी जा चुकी है. पिछले दिनों ही महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशक की ओर से सभी विभाग के कर्मचारियों को एक पत्र भेजा गया था और उनसे यह पूछा गया था कि उनकी शादी में लड़की वालों ने उन्हें क्या-क्या दिया. कर्मचारियों को शादी में दहेज के रूप में लड़की वालों ने क्या क्या दिया इसका ब्यौरा अब सरकार को देना होगा.
नोटिस मिलते ही मचा हड़कंप-
यह नोटिस मिलते ही सरकारी महकमे में हड़कंप सा मच गया है. कई कर्मचारियों में इस नियम को लेकर आक्रोश सा पैदा हो गया है. कर्मचारियों का कहना है कि जब सरकार नहीं नहीं आई थी उस समय संपत्ति का ब्योरा मांगा गया था और लोग अपनी संपत्ति किसके नाम से करना चाहते हैं इसका भी ब्योरा मांगा गया था तब हम लोगों ने इस नियम को माना था लेकिन अब यह नया नियम आने के कारण बड़ी परेशानियां बढ़ गई है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दिया नोटिस-अफसरों ने बताया कि यह प्रदेश सरकार का आदेश नहीं है बल्कि यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट दहेज प्रथा पर पूरी तरह से पाबंदी लगाना चाहती है.
डीपीओ पंकज कुमार मिश्र ने बताया कि कर्मचारियों को अपने शादी के समय क्या-क्या दहेज लिए इसका ब्यौरा सरकार को देना होगा. दहेज प्रथा को रोकने के लिए यह नया नियम बनाया गया है.