नोएडा पुलिस ने पिछले शुक्रवार को 6 लोगों को गिरफ्तार कर, उनके पास से 13 किलो सोना, 57 लाख कैश और प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद किए थे. पूछताछ के दौरान पुलिस को पता लगा था कि पिछले साल सितंबर में ग्रेटर नोएडा की सिल्वर सिटी सोसाइटी की एक फ्लैट में चोरी हुई थी. चोरी की रकम और जेवरात के बंटवारे के दौरान चोरों के बीच झगड़ा हो गया जमकर मारपीट हुई, जिसकी सूचना पुलिस तक पहुंच गई. इसके बाद पुलिस ने 6 चोरों को गिरफ्तार किया. पुलिस को जांच में पता लगा कि यह चोरी और भी बड़ी थी और जिस वक्त चोरी हुई थी, सोना करीब 20 किलो से ज्यादा ही था.
पुलिस ने जब इस फ्लैट के मालिक की तलाश शुरू की तो पुलिस को पता चला कि फ्लैट के मालिक अमेरिका में है और उनके नाम राममणि पांडेय और किशलय पांडेय है. हालांकि, पूरे मामले को जानने के लिए जब किशलय पांडे से वीडियो कॉल पर बात हुई तो उन्होंने साफ-साफ इंकार कर दिया और कहा कि यह फ्लैट उनका नहीं है और इस पैसे से भी उनका कोई लेना देना नहीं है. उल्टा, उन्होंने कुछ कॉरपोरेट कंपनियों और पीआर एजेंसीज पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया और उन्हें फंसाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों कुछ स्कैम उजागर किए थे जिसकी वजह से उन्हें फंसाया जा रहा है और नोएडा पुलिस को मिसलीड किया जा रहा है.
विदेश में बैठे वकील किशलय पांडेय ने साफ तौर पर कहा कि जो कुछ भी मिला है, उसका उनसे कोई लेना-देना नहीं है. इसे खास तरह का प्लांटेड मामला बताया और कहा कि इसे पीआर एजेंसी रन कर रही हैं. किशलय ने कहा कि वह फ्लैट जहां से सारा सामान बरामद हुआ है, न तो उससे उनका कोई लेना-देना है और न ही कभी उन्होंने गोपाल नाम के किसी शख्स को बतौर केयर टेकर रखा.
बातचीत में उन्होंने आगे कहा, ”मैंने नोएडा पुलिस के सवालों के जवाब भी दे दिए हैं. मेरा परिवार नोएडा में है.’ वहीं, इस मामले को सुलझाने के लिए नोएडा पुलिस की जांच जारी है. साथ ही ईडी और आयकर विभाग भी मामले की जांच कर रहा है. किशलय पांडेय के वकील और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विप्लव अवस्थी ने बयान जारी करके बताया कि यह बहुत सराहनीय है कि यूपी पुलिस ने अच्छा काम किया है. साथ ही यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे इस तरह के कथित बरामद सामानों का स्वामित्व मुझ पर और मेरे परिवार पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं. मेरे पास जो कुछ भी है, उस पर पूरी तरह से टैक्स चुकाया गया है