दक्षिण भारत जाने वाले रेल यात्रियों का सफर अब और ज्यादा सुविधाजनक और आरामदायक होगा. अब AC बोगियों में हर यात्रियों को अपने सीट के पास चार्जिंग प्वाइंट और पढ़ने के लिए स्टडीलाइट मिलेगी. स्लीपर क्लास में वेटिंग की समस्या बढ़ती जा रही है जिससे भी अब राहत मिलेगी.
रेलवे प्रशासन दक्षिण भारत जाने वाली ट्रेन जुड़ी खास ट्रेनों में पुरानी कनवेंशनल बोगियां को हटा दिया जायेगा और उनकी जगह स्टेनलेस स्टील से बनी लिंक हॉफमैन बुश बोगियां लगाएगा. यह ट्रेन कोचुवेली,सिकंदराबाद और यशवंतपुर जाती है.
एलएचबी होने से भारी रोलिंग स्टॉक की जगह हल्के वजन का रेक़ होने से और बिजली का खपत भी कम होगा. रेलवे की ऑपरेटिंग लाइट भी कम होगी.एलएचबी बोगियों की ज्यादा से ज्यादा गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी. कनवेंशनल बोगियों की अधिकतम गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा ही रहती है.आपको बता दें कि कानपुर से झांसी के बीच रेल दोहरीकरण का काम चल रहा है यह काम पूरा होते ही रेलवे निर्बाध रूप से रफ्तार के साथ चल पाएगी.
इन ट्रेनों का आसान होगा सफरः
रेलवे ट्रेन 02511/02512 गोरखपुर-कोचूवेली स्पेशल में 31 अक्टूबर से गोरखपुर से और तीन नवंबर से कोचूवेली से एलएचबी रेक लगाये जायेंगे.ट्रेन में कुल 21 बोगियां होंगी.
02589/02590 गोरखपुर-सिकंदराबाद स्पेशल में गोरखपुर से तीन नवंबर और सिंकदराबाद से चार नवंबर से एलएचबी रेक लगेगा.
02591/02592 गोरखपुर-यशवंतपुर स्पेशल में गोरखपुर से 30 अक्टूबर की जगह छह नवंबर और यशवंतपुर से एक की जगह आठ नवंबर से एलएचबी रेक लगाये जायेंगे.
ट्रेन 05159/05160 छपरा-दुर्ग स्पेशल में छपरा से 27 नवंबर और दुर्ग से 28 नवंबर से एलएचबी रेक लगेंगे. इन ट्रेनों में सफर करना काफी ज्यादा सुविधाजनक और आरामदायक होगा.