कहते हैं कि किस्मत के आगे किसी का भी नहीं चलता और ऐसे ही एक खबर राजस्थान से आई है जहां एक फौज का जवान अभी अपना पहला करवा चौथ भी अपनी पत्नी के साथ नहीं बना पाया और उसकी मौत हो गई है। हम अपने घरों में आराम से सोते हैं क्योंकि हमारे देश के वीर सैनिक हमारी रक्षा के लिए जगह-जगह तैनात रहते हैं और हमारी रक्षा करते हैं लेकिन इसी कड़ी में हमारे देश के वीर जवान अपना जान भी गंवा देते हैं।
पीपाड़ तहसील के कोसाना गांव निवासी भारतीय वायुसेना के जवान धर्मेंद्र विश्नोई पश्चिम बंगाल के बागडोगरा और सिलीगुड़ी के नजदीक ड्यूटी करते समय सड़क हादसे में घायल हो गए। जिसके बाद शुक्रवार को अस्पताल में उनका निधन हो गया। रविवार को शहीद की पार्थिव देह विशेष विमान से जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचा। जहां से सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ पार्थिव देह पैतृक गांव कोसाना के लिए रवाना हुआ। इस दौरान रास्ते मे जगह-जगह ग्रामीणों ने फूल-मालाओं से शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

शहीद की पार्थिव देह शाम 06 बजकर 15 मिनट पर उनके घर पहुंची। जहां से विश्नोई श्मशान घाट के पास अमृता देवी उद्यान में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान वायुसेना के प्लाटून कमांडर के नेतृत्व में जवानों ने शहीद को मातमी धुन के साथ गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान हजारो की संख्या में आसपास के गांव सहित दूरदराज के ग्रामीण उपस्थित रहे।

शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया
दोनों सगे भाईयों में से एक साथ हुआ था चयन
शहीद के पिता रामनिवास पंवार ने बताया कि उनके दोनों बेटे जिनमे बड़े लड़के जितेंद्र विश्नोई और धर्मेंद्र विश्नोई का जोधपुर में आयोजित भर्ती रैली में एक साथ एलएसी चयन हुआ था। पूरे भारत वर्ष में धर्मेंद्र विश्नोई को 42 वी रैंक मिली थी।
5 महीने पहले हुई शादी, 18 अक्टूबर को छुट्टी पर आ रहे थे
शहीद की मां इंद्रा देवी ने बताया कि धर्मेंद्र 18 अक्टूबर को छुट्टी पर आने वाला था। इस बार एक माह से अधिक समय के लिए अवकाश लेने का कहा था, लेकिन उनकी पार्थिव देह उनके घर पहुंची।