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दो भाइयों ने शुरू की नारियल पानी की होम डिलीवरी, हजरों में हो रही रोज की कमाई

मेरठ. कोरोना काल  में रेहड़ी पटरी वाला भी कैसे डिजिटल हो गया, इसका उदाहरण सड़क किनारे नारियल पानी  बेचने वाला एक दुकानदार बंधु है. इन दुकानदार बंधुओं के पास जब कोरोना काल में ग्राहकों की कमी होने लगी तो वे किसी रेस्टोरेंट की तरह ही नारियल पानी की होम डिलीवरी करने लगे. नारियल पानी की होम डिलीवरी के बड़े- बड़े बैनर सड़क किनारे सजी इनकी दुकान पर लगाए गए हैं. और देखते ही देखते इनकी दुकानदारी चली नहीं बल्कि दौड़ने लगी.

मेरठ में यूनिवर्सिटी रोड पर दुकान लगा रहे इन नौजवानों का कहना है कि कोरोना काल में रोजी- रोटी के लिए घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया था. लिहाजा उन्होंने नारियल पानी बेचने का काम शुरू किया. हालांकि, वो जानते थे कि कोरोना कर्फ्यू के इस दौर में भला सड़क किनारे कौन नारियल पानी पिएगा, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी दुकान के बाहर एक बैनर लगाया कि नारियल पानी की होम डिलीवरी भी वो करेंगे तो उनका काम चल निकला. लोग दिए गए नम्बर पर फोन करने लगे और दो भाईयों की उनकी टीम फटाफट लोगों के घर घर नारियल पानी पहुंचाने लगी. नतीजा ये हुआ कि रोजाना इन भाईयों की हज़ारों रुपए की आमदनी होने लगी. आज की तारीख में लोग इस दुकान पर न सिर्फ नारियल पानी पीने आ रहे हैं बल्कि होम डिलीवरी भी जमकर हो रही है.अपनी आमदनी का ज़रिया ढूंढ ही लिया है

इससे पहले लॉकडाउन के दौरान एनएच 58 पर एक शख्स ने बेरोज़गारी को मात देने के लिए अपनी कार को ही चलती फिरती दुकान बना दिया था. उसने अपनी कार को ऐसे डिज़ायन कर लिया था कि वो जहां चाहता अपनी कार से ही चल देता और जहां चाहता वहीं दुकान लगाकर खड़ा हो जाता. इस शख्स की क्रिएटिविटी का ही असर था कि कोरोना काल में जब लोग बेरोज़गारी को कोस रहे थे तो ये शख्स रोजाना हज़ारों की आमदनी कर रह था. अब नारियल की होम डिलीवरी करके इस शख्स ने कोरोना काल में अपनी आमदनी का ज़रिया ढूंढ ही लिया है.

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