पंचायती राज विभाग से अलग होकर नगर निगम में शामिल हुए 32 गांवों को चमकाने के लिए 193 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। गुरुवार को नगर निगम का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री को नगर आयुक्त ने इस बात की जानकारी दी। जानकारी मिलने पर उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी दिलाई जाएगी। प्रस्ताव मंजूर होने के साथ ही इन गांवों में शहर की तरह नाली, सड़क व स्ट्रीट लाइट का काम शुरू हो जाएगा।
तैयार हुई विकास की रूपरेखा
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि नगर निगम में शामिल हुए 32 गांवों के विकास की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त नगर निगम क्षेत्र में करीब 100 करोड़ रुपये के विकास कार्य हो रहे हैं। इनमें से 62.54 करोड़ की 207 परियोजनाओं का जल्द ही लोकार्पण होगा। साथ ही 34.88 करोड़ रुपये लागत की 167 परियोजनाओं का शिलान्यास होगा। लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है।
गोरखपुर को मिलेंगी 25 इलेक्ट्रिक बसें
नगर निगम निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के बारे में भी जानकारी ली। नगर आयुक्त ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग के लिए बनाए जा रहे चार्जिंग स्टेशन को 15 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद गोरखपुर को करीब 25 बसें मिलेंगी।
चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को मिलेगा निश्शुल्क बीमा कवर
मुख्यमंत्री ने नगर निगम परिसर में आयोजित कार्यक्रम में नगर निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कुसुम श्रीवास्तव एवं दीन नारायण को 20 लाख रुपये के बीमा कवर का प्रमाण पत्र प्रदान किया। नगर आयुक्त ने बताया कि पंजाब एंड सिंध बैंक के सहयोग से नगर निगम के सफाई कर्मचारियों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 20-20 लाख की बीमा योजना से आ’छादित किया गया है। इसका प्रीमियम बैंक भरेगा।
बीमा को लेकर बैंक के साथ हुआ एमओयू पत्र भी बैंक के चीफ मैनेजर विनय ओझा ने मुख्यमंत्री को प्रदान किया। उन्होंने बताया कि फिलहाल निगम के करीब 1200 कर्मियों का बीमा किया गया है। दुर्घटना में मृत्यु होने की स्थिति में उनके आश्रित को 20 लाख रुपये का मदद मिलेगी।