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महज 22 साल की उम्र में रितिका बनी IAS अफसर, पिता को था कैंसर,पिता का देखभाल करते हुए रितिका ने की तैयारी

हिमाचल प्रदेश की आईएएस अधिकारी रितिका जिंदल आजकल सुर्खियों में बनी हुई है.एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें रितिका जिंदल एक मंदिर में हो रहे हवन में जाने की इजाजत मांगती है लेकिन पुजारी यह कह कर उन्हें इजाजत नहीं देता है कि वह एक महिला है.

हिमाचल प्रदेश के इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित नहीं है लेकिन अगर इस मंदिर में कोई हवन हो रहा है तो उस हवन में महिलाओं का भाग लेना वर्जित है.

यह घटना नवरात्रि के अष्टमी के दिन की है जब रितिका जिंदल उस मंदिर के पास ही ड्यूटी कर रही थी.ड्यूटी के दौरान जब रितिका जिंदल ने पुजारियों से कहा कि वह भी मंदिर में हो रहा है हवन में भाग लेना चाहती है तो पुजारियों ने उन्हें हवा में भाग लेने से साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा कि वह एक स्त्री हैं और एक स्त्री का हवन मे भाग लेना वर्जित है.

रितिका जिंदल ने कहा कि जिस माता का मंदिर में पूजा हो रहा है वह भी एक महिला है और महिलाओं से उनका हक छिनना कहां का न्याय है.उन्होंने कहा कि यह मानसिकता बदलने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि एक महिला होने के नाते और एक अधिकारी होने के नाते में महिलाओं के इस हक के लिए लडूंगी. उन्होंने बताया कि मैं महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबर का अधिकार दिला के रहूंगी.

उनके इस कदम से कई लोगों ने उनकी आलोचना भी किया. लेकिन इसके साथ ही साथ सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनकी सराहना की और उन्हें एक सच्चा अधिकारी होने का दर्जा दिया.

पिता को कैंसर था, फिर भी नहीं हारी हिम्मत-

रितिका जिंदल का जन्म पंजाब के मोगा में हुआ. उनके पास पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी पढ़ाई की फिर भी उन्होंने हार नहीं माना और जब वह यूपीएससी की पहली बार परीक्षा दे तब उनके पापा को टंग कैंसर था. पहली बार हो कुछ रंग से ही पीछे रह गए लेकिन दूसरी बार उन्होंने यूपीएससी की हर हाल में क्रैक कर दिखाया.

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