उत्तर प्रदेश भारत का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जहां एक नहीं बल्कि 5 एक्सप्रेसवे होंगे।यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बाद अब बुंदेलखंड को भी एक्सप्रेस-वे की सौगात मिलने जा रही है।
12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया जाएगा। जालौन के गांव कैथेरी में पीएम मोदी बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करेंगे।
यह एक्सप्रेसवे रिकॉर्ड 28 महीने में बनकर तैयार हुआ है. 4 लेन चौड़े बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का भविष्य में 6 लेन तक विस्तार हो सकता है. यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया और इटावा से गुजरेगा जिससे प्रदेश और देश की राजधानी पहुंचने का समय काफी कम हो जायेगा।
सरकार की माने तो बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर उत्तर प्रदेश और निकासी के लिए कुल 13 जगहों पर इंटरचेंज की सुविधा है।
परियोजना के आस-पास सर्विस रोड का भी निर्माण किया जा रहा है।
ट्रैफिक सुरक्षा के लिए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था प्रक्रियाधीन है. एक्सप्रेस-वे के आरओडब्ल्यू के अंतर्गत लगभत 7 लाख वृक्षों का रोपण किया जा रहा है. एक्सप्रेस-वे निर्माण के अंतर्गत 4 रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु का निर्माण किया गया है. 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 293 लघु सेतु, 19 फ्लाई ओवर औऱ 224 अंडरपास का निर्माण हुआ है. एक्सप्रेस-वे परियोजना के 6 पैकेजों के बिल्डरों का चयन ई-टेंडरिंग से किया गया था।
परियोजना में न्यूनतम निविदा अनुमानित लागत से 12.72 फीसदी कम हुई. जिसकी वजह से यूपीडा को हुआ लगभग 1132 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. इस परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने 29 फरवरी, 2020 को किया था।