उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कुछ समय पहले तक कोविड-19 का खतरा झेला था लेकिन अब एक बार फिर से एक नए वायरस का खतरा हमारे देश पर मंडराने लगा है।
कोविड-19 के बाद अब हमारे देश में मंकीपॉक्स वायरस का खतरा काफी तेजी से बढ़ने लगा है। दिल्ली और केरल के बाद अब उत्तर प्रदेश और बिहार में मंकीपॉक्स फैलने की आशंका के चलते राज्य सरकारें हाई अलर्ट पर हैं।
प्रशासनिक स्तर पर मंकीपॉक्स वायरस से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। मंकीपॉक्स वायरस को लेकर केंद्र सरकार के आदेश के बाद अब सभी राज्य सरकार अलर्ट पर है। इसके लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति और डेडिकेटेड सेंटर बनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयय के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोई भी शख्स जिसने पिछले 21 दिनों में प्रभावित देशों का दौरा किया हो और उसे बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और कमजोरी जैसी शिकायत है तो उसे आइसोलेट कर उसकी जांच की जाए।
केंद्र सरकार का कहना है कि मंकीपॉक्स के नमूनों की जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी में सैंपल भेजा जाएगा।
मंकीपॉक्स वायरस एक जूनोटिक संक्रमण हैं। ये वायरस जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। इसके अलावा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी ये वायरस तेजी से फैलता है। विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स ज्यादातर यौन मार्ग से शरीर में प्रवेश करता है। इसके अलावा एक और खास बात है और वो ये कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा मंकीपॉक्स के मामले में समलैंगिक लोगों में पाए गए हैं। माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा खतरा इसी वर्ग को है।