मेरठ विकास प्राधिकरण का विकास शुल्क अधिक होने के कारण अब उद्योगों की स्थापना और नए कलस्टर शहर सीमा के बाहर खिसकने लगे हैं। जिला पंचायत एवं गांव पंचायत की भूमि पर नए उद्योगों एवं कलस्टर स्थापना के साथ औद्योगिक विकास का रुका पहिया अब पटरी पर आएगा।
वुड सीजनिंग कलस्टर अब गढ़ रोड पर नंगलामल में स्थापित होगा। नए सिरे से प्रस्ताव शासन को भेज दिया। इसी के साथ अन्य कलस्टर भी देहात क्षेत्र की तरफ रुख कर रहे हैं। एमडीए में उद्यमियों के लिए नक्शा पास कराने में विकास शुल्क अदा करना पड़ता है, जो कई गुना अधिक है। इसके चलते शहर क्षेत्र में कलस्टर स्थापना का काम अटका हुआ है। एमडीए की सीमा विस्तार के बाद कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां कलस्टर स्थापित नहीं होंगे। उन्हें एसपीवी ने देहात क्षेत्र में जगह तलाश कर नए सिरे से प्रस्ताव तैयार कराना शुरू कर दिया।
जिला पंचायत से नक्शा पास कराने में 250 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से विकास शुल्क जमा होता है, जबकि एमडीए से नक्शा पास करने में 1850 रुपये प्रति वर्ग की दर से विकास शुल्क जमा करना होता है। ऐसे में जिले में प्रस्तावित कलस्टर स्थापना और औद्योगिक विकास रुका हुआ है।
उपायुक्त उद्योग, दीपेंद्र कुमार ने कहा कि एक कलस्टर की भूमि चयनित होने के बाद नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज रहे हैं। जल्द ही अन्य कलस्टर की एसपीवी के साथ बैठक कर आ रही दिक्कतों का समाधान कर नए सिरे से प्रस्ताव शासन को भेजकर कलस्टर स्थापना का कार्य कराएंगे।
विकास शुल्क परएक नजर
– मेरठ विकास प्राधिकरण 1850 रुपये प्रति वर्ग मीटर
– यूपीसीडा, जिला पंचायत 250 रुपये प्रति वर्ग