उत्तर प्रदेश में बहुत ही तेजी से राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है और उम्मीद है कि साल 2023 के अंत तक राम मंदिर बन कर तैयार हो जाए और इस मंदिर में लाखों करोड़ों की संख्या में पर्यटक और दर्शक तथा श्रद्धालु आएंगे. राम नगरी अयोध्या में केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार की तरफ से खास फोकस किया जा रहा है और तेजी से इसका विकास किया जा रहा है.
एक तरफ जहां प्रभु श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, तो वहीं दूसरी तरफ जनवरी 2024 तक भगवान श्रीराम अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे. इसके साथ ही साथ अयोध्या को विश्व के मानचित्र पर पर्यटन की नगरी में भी विख्यात करने को लेकर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
एक तरफ जहां प्रभु श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, तो वहीं दूसरी तरफ जनवरी 2024 तक भगवान श्रीराम अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे. इसके साथ ही साथ अयोध्या को विश्व के मानचित्र पर पर्यटन की नगरी में भी विख्यात करने को लेकर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
दरअसल अयोध्या के विकास को लेकर विजन डॉक्यूमेंट 2047 तैयार किया गया है. जिसके तहत अयोध्या में करीब 20 हजार करोड़ की योजनाओं पर काम चल रहा है. राम मंदिर के अलावा पांच ऐसे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, जो कि अयोध्या की तस्वीर बदल देंगे. राम नगरी में श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई असुविधा ना हो इसको लेकर 4 पथ का निर्माण किया जा रहा है. सुग्रीम किला से राम जन्मभूमि तक लगभग 600 मीटर लंबा पथ निर्माण किया जा रहा है. जिसका निर्माण जनवरी 2022 से शुरू हुआ है और दिसंबर तक इसको कंप्लीट करने का प्रयास किया जा रहा है. करीब 39 करोड़ रुपए की इस योजना पर कार्य लगातार जारी है.
इसके अलावा सहादतगंज से लेकर राम पैड़ी तक लगभग 13 किलोमीटर राम पथ का निर्माण किया जाएगा, जिसमें लगभग 797 करोड़ों रुपए की लागत है. इसके साथ ही भक्ति पथ जो सिंगार हाद से राम जन्मभूमि तक लगभग 800 मीटर लंबी सड़क होगी, जिसकी लागत लगभग 620000000 रुपए है. धर्म पथ 2 किलोमीटर का होगा. यह राष्ट्रीय राजमार्ग से नया घाट यानी लता मंगेशकर चौक तक बनाया जाएगा. ऐसा भी कहा जा रही है कि यह दुनिया की सबसे हाईटेक सड़कों में से एक होगी.