आज तक आपने एसी कोच में यात्रियों को सफर करते हुए देखा हुआ परंतु क्या आपने यह सोचा था कि जिस एसी कोच में यात्री सफर कर रहे हैं एसी एसी कोच में सामान भी सफर करेगा. भारतीय रेलवे बोर्ड के अनुसार यात्रियों के कोच में अब सामान भेजा जाएगा. जिसमें सेकंड और थर्ड एसी का इस्तेमाल होगा. कुछ जानकारों के अनुसार एसी कोच में सामान भेजने से यात्री आय की तुलना में ज्यादा आमदनी होगी. भारतीय रेलवे बोर्ड ने इस आदेश को सभी जोन में जारी कर दिया है. इसका परिणाम यह रहा कि देशभर के रेल जोन और मंडलों के अधिकारी इस आदेश पर माथापच्ची कर रहे हैं.
रेलवे बोर्ड ने सामान के लिए पुराने नीले रंग की आईसीएफ खोज के विकल्प के तौर पर लाल रंग के एलएचबी रैक का इस्तेमाल करने पर जोर दिया है. अधिकतर महत्वपूर्ण ट्रेनों को पुराने रेक बदले एलएचबी रेक से चलाया जा रहा है. इसके अलावा जिन ट्रेनों में एलएचबी कोच नहीं लगे हैं आने वाले समय में उन ट्रेनों को भी एलएचबी कोच से लैस कर दिया जाएगा. नए एलएचबी कोच से ट्रेनों को लैस करने के बाद पुराने कोच के इस्तेमाल को लेकर विकल्प तलाशा जा रहा था. ऐसे में रेलवे बोर्ड ने यह किया कि पुराने नीले रंग के सेकंड और थर्ड एसी कोच को पार्सल ट्रेन के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा.
भारतीय रेलवे बोर्ड पुराने बेकार होने वाले एसी कोच को पार्सल ट्रेन बनाकर अपने उपभोक्ताओं को संपूर्ण एसी ट्रेन या मिश्रित पार्सल ट्रेन का विकल्प मुहैया कराएगी. रेलवे बोर्ड की इस व्यवस्था के बाद पार्सल ट्रेन में पूरी तरह एसी कोच या ऐसी, पार्सल यान और जनरल कोच का विकल्प मिलेगा
नई पार्सल ट्रेन या एसी कोच से सम्मान बुक करने पर रेलवे पार्सल के पे-स्केल से डेढ़ गुना ज्यादा शुल्क चुकाना होगा और जीएसटी तथा डेवलपमेंट चार्ज अलग से लिए जाएंगे. जिसमें किसी प्रकार की भी रियायत नहीं बरती जाएगी. लोडिंग की कैपेसिटी( मात्रा ) की अनुमति रेलवे बोर्ड द्वारा तय की गई गाइडलाइन के अनुसार ही की जाएगी.