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लखनऊ यूनिवर्सिटी में अब आसानी से नहीं मिलेगी हॉस्टल, लागू हुई नई व्यवस्था

लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में नए सत्र के लिए हास्टल (Hostel) आवंटन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

अब कोई भी प्रोवोस्ट छात्र का हास्टल आवंटन सीधे नहीं कर सकेंगे। हास्टल आवंटन के लिए अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) के निर्देशन में ‘हास्टल एडमिशन कमिटी’ गठित कर दी गई है।

पांच सदस्यीय टीम की ओर से तैयार की गई हास्टल आवंटन की सूची डीएसडब्ल्यू के अनुमोदन के बाद फाइनल होगी। आवंटन की पूरी प्रक्रिया आनलाइन ही होगी।

लखनऊ विश्वविद्यालय में मौजूदा समय में 17 हास्टल हैं।

इनमें करीब 2200 छात्र-छात्राओं के रहने की क्षमता है। अभी तक हर साल हास्टल आवंटन की प्रक्रिया आफलाइन होती थी। इस बार केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत आनलाइन आवंटन होगा।

इसके लिए कुलपति के आदेश पर कुलसचिव संजय मेधावी ने चीफ प्रोवोस्ट प्रो. अनूप कुमार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है।

इसमें एडिशनल अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अमृतांशू शुक्ला, एडिशनल प्राक्टर डा. ओपी शुक्ला, गोल्डन जुबली हास्टल की प्रोवोस्ट डा. केया पांडेय और एलबीएस हास्टल के प्रोवोस्ट डा. राजेश्वर प्रसाद यादव को सदस्य नामित किया गया है।

यह कमेटी हास्टल आवंटन के सभी कार्य डीएसडब्ल्यू के निर्देशन में करेगी। कुलसचिव की ओर से जारी पत्र में साफ कहा गया है कि प्रोवोस्ट कोई भी हास्टल आवंटन सीधे नहीं कर सकेंगे।

हास्टल मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल तैयार : अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन सभी हास्टल का सर्वे करा रहा है। इसमें यह देखा जा रहा कि कितने कमरें छात्र-छात्राओं के रहने के लिए ठीक हैं।

पुराने और नए परिसर के सभी हास्टल का सर्वे पूरा होने के बाद यह तय होगा कि अधिक से अधिक कितना आवंटन किया जा सकेगा।

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