यूपीएससी की परीक्षा एक ऐसी परीक्षा है जिसमें हर साल लाखों की संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा देते हैं लेकिन सफल खुशी अभ्यार्थियों पाते हैं. लाखों की संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा तो देते हैं लेकिन इसमें सफल होने के लिए सही रणनीति की आवश्यकता पड़ती है. सही रणनीति और कड़ी मेहनत ही इस परीक्षा में आपको सफलता दिला सकती है.
आज हम आपको कहानी बताने वाले हैं राधिका गुप्ता की. राधिका मूल रूप से मध्यप्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली है. अलीराजपुर एक आदिवासी क्षेत्र है जहां पर आदिवासियों को उन्होंने स्ट्रगल करते देखा है.वह हमेशा से आदिवासियों के हित में काम करना चाहती थी.
राधिका ने जीएसआईटीएस इंदौर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया है.ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने एक साल तक एक कंपनी में काम किया. पहले उन्हें यूपीएससी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन जब उन्होंने यूपीएससी के बारे में जाना तो है उसका तैयारी करने लगी. पहले वह फुल टाइम जॉब के साथ यूपीएससी की तैयारी करने के बारे में सोच रही थी लेकिन जब उन्होंने सिलेबस समझाता हुआ नौकरी छोड़ दी.
जहां सारे अभ्यर्थियों UPSC की तैयारी करने दिल्ली आते हैं. वही राधिका ने नौकरी छोड़कर दिल्ली से इंदौर जाने का फैसला लिया. उन्होंने अपने घर जाकर 9 से 10 घंटे पढ़ाई की. उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बना लिया.
हालांकि पहले प्रयास में राधिका को सफलता नहीं मिली. लेकिन उन्होंने कोशिश करना नहीं छोड़ा और लगातार मेहनत करती रही. आखिरकार 2019 में उन्हें 20वां रैंक प्राप्त हुआ. राधिका की कहानी हमें यह सीख देती है कि अगर मन से मेहनत करेंगे तो कभी नाकामयाब नहीं होंगे.