2024 से पहले उत्तर प्रदेश को 500000 करोड रुपए की सड़क परियोजनाएं देने का ऐलान किया गया है. लखनऊ में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ इंडियन रोड कांग्रेस के 81वें अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए गडकरी ने यूपी के लिए 8000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की स्वीकृति भी दे दी।
बता दें कि उन्होंने जानकारी दिया कि 15 महीने में यूपी में सड़कों का नेटवर्क अमेरिका के बराबर होगा. उन्होंने कहा यहां पर भी सड़क दुर्घटना खत्म हो जाएगी.
गडकरी ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का जिक्र करते हुए कहा कि पैसों से ज्यादा जरूरी इच्छाशक्ति है। इच्छाशक्ति न होने पर सारी योजनाएं कमेटियों में फंसकर रह जाती हैं। जो शोध जमीन पर न उतर रहा हो, उस रिसर्च पेपर का कोई मतलब नहीं। उन्होंने कहा कि हमें वेस्ट (व्यर्थ) को वेल्थ (धन) में बदलना होगा। निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ उसकी कीमत घटानी होगी। सड़क निर्माण में प्लास्टिक समेत सभी तकनीकों का इस्तेमाल करना होगा, ताकि पर्यावरण के लिहाज से भी यह उचित रहे।
चेताया : डीपीआर बनाने में बड़ी खामियां
गडकरी ने कहा कि हर साल देश में 5 लाख सड़क हादसे होते हैं। इनमें 1.5 लाख लोगों की मौत होती हैं। परियोजनाओं की डीपीआर में अभी भी बहुत खामियां हैं। ऑडिट में एक-एक परियोजना में 50-60 तक खामियां निकल रही हैं। इसलिए हर काम में पूर्णता (परफेक्शन) लाने की आवश्यकता है। निर्माण कार्य इस तरह से होने चाहिए कि 25 साल तक मेंटेनेंस पर कोई खर्च ही न हो।
यूपी मेडल देने का एलान-
सीएम ने कहा कि इंडियन रोड कांग्रेस में तकनीक के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित करने के लिए यूपी मेडल की शुरुआत की जानी चाहिए। यह मेडल प्रदेश सरकार की ओर से दिया जाएगा।
नई तकनीक से कम लागत में बनाएं टिकाऊ सड़कें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंजीनियरों का आह्वान किया कि नई तकनीक से कम लागत में टिकाऊ सड़कों के निर्माण पर विचार करें। सड़क निर्माण की एफडीआर तकनीक को यूपी अधिकाधिक अपना रहा है। इससे लागत में एक-तिहाई की कमी आई है। वे शनिवार को इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।