यूपीएससी को लेकर भारत की युवाओं में एक अलग ही जुनून देखने को मिलता है. हर साल कई लाख विद्यार्थी इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास करना लगभग हर विद्यार्थियों का सपना होता है.
आज हम आपको आईपीएस अफसर संदीप चौधरी की कहानी बताने वाले है. आज भले संदीप चौधरी एक बहुत बड़े आईपीएस अफसर है लेकिन यहां तक पहुंचना उनके लिए काफी मुश्किल भरा काम था.
12वीं के एग्जाम के कुछ समय पहले हो गया पिता का निधन – आपको बता दें कि संदीप चौधरी के पिता का निधन उनके 12वीं के एग्जाम के कुछ समय पहले ही हो गया. एक इंटरव्यू में संदीप चौधरी ने बताया कि मैं शुरुआती पढ़ाई में बहुत ही ज्यादा अच्छा था. दसवीं में मेरे बहुत अच्छे नंबर है जिसके बाद में मुझे मेडिकल की ओर जाने के लिए परिवार की ओर से सलाह दिया गया. क्योंकि मेरा मन मेडिकल की तरफ जाने का बिल्कुल नहीं था. लेकिन परिवार के दबाव के कारण मैंने साइंस ले लिया और इसका परिणाम यह हुआ कि मैं 12वीं के एग्जाम में काफी ज्यादा नर्वस हो गया. मैंने अपने फिजिक्स के पेपर में यहां तक लिख दिया कि “प्लीज मुझे पास कर देना”.
संदीप चौधरी ने बताया कि मेरे पिता के निधन के बाद में बुरी तरह टूट गया लेकिन मैंने हार नहीं मानी. मैंने 12वीं के बाद इग्नू से एडमिशन लिया क्योंकि मैं रेगुलर कॉलेज नहीं जा सकता था. इग्नू एडमिशन लेकर मैं घर से पढ़ाई किया करता था और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था ताकि मैं अपना खर्च निकाल सकूं.
संदीप चौधरी ने सबसे पहले पोस्ट ऑफिस में जॉब किया फिर वहां जॉब छोड़ कर उन्होंने बैंक में जॉब किया. बैंक की नौकरी छोड़ उन्होंने बीएसएफ ज्वाइन कर लिया. बीएसएफ ज्वाइन करने के बाद उनके साथ रहने वाले एक लड़के का यूपीएससी में चयन हो गया. जिसके बाद उन्होंने मन बना लिया कि वह यूपीएससी एग्जाम देंगे और उन्होंने यूपीएससी एग्जाम दिया. इस एग्जाम को उन्होंने पहले ही प्रयास में पास कर लिया.
संदीप चौधरी का कहना है कि अगर मन से किसी भी चीज के लिए कोशिश करो तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी.