मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सरकारी कर्मचारियों को एक बहुत बड़ी राहत दी है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब सरकारी और कर्मचारियों को उनके वेतन के हिसाब से इलाज की सुविधा दी जाएगी.
UP सरकार द्वारा शुरू की गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलैस चिकित्सा योजना में इलाज के लिए कुछ ऐसी ही व्यवस्था है। केंद्र की आयुष्मान योजना में जहां मरीजों के लिए सिर्फ जनरल वार्ड का ही प्रावधान है। वहीं योगी सरकार की इस स्कीम में जनरल के साथ ही सेमी प्राइवेट और प्राइवेट वार्ड की भी व्यवस्था है।
आपको बता दें कि भाजपा के द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने का वादा किया गया था. यह वादा पूरा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना का शुभारंभ कर दिया था. कर्मचारी और पेंशनरों के लिए हेल्थ कार्ड बनाया गया है.
अभी आयुष्मान योजना के पोर्टल से इसकी कनेक्टिविटी नहीं हो सकी है। ऐसे में ऑफलाइन यानि अस्पताल से ईमेल के जरिए इलाज के सारे कागजात और फोटो मंगवाए जा रहे हैं। उनके सत्यापन के आधार पर अस्पतालों को भुगतान हो रहा है।
हेल्थ कार्ड नंबर से चलेगा पता कर्मचारी या पेंशनर के पे-बैंड को देखकर उसकी अर्हता के हिसाब से उसे जनरल, सेमी प्राइवेट या प्राइवेट वार्ड में रखने की सुविधा है। किस व्यक्ति को किस स्तर की सुविधा देनी है, अस्पताल को इसका पता कर्मचारी या पेंशनर का हेल्थ कार्ड पर अंकित नंबर योजना के पोर्टल पर डालते ही चल जाता है।
अभी सिर्फ यूपी के अस्पतालों में ही इलाज-
प्रदेश सरकार की इस कैशलेस योजना के तहत अभी पोर्टेबिलिटी की सुविधा उपलब्ध नहीं है यानि राज्य सरकार के कर्मचारी और पेंशनर यूपी के सरकारी या निजी अस्पतालों में ही इस कैशलैस इलाज की सुविधा का लाभ ले सकते हैं।