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गोरखपुर में अगले तीन महीने के भीतर साल से डेढ़ साल तक के लिए कलेक्ट्रेट का पता बदल जाएगा। नई इमारत के निर्माण के लिए कलेक्ट्रेट के सभी कार्यालय और कोर्ट पर्यटन विभाग में शिफ्ट हो जाएंगे। काफी पहले उम्र पूरी कर चुके कलेक्ट्रेट की पुरानी व जर्जर इमारत की जगह नए निर्माण के लिए शासन की तरफ से मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। अब कार्यदायी संस्था को वित्तीय स्वीकृति देते हुए 16 मार्च को पांच करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं ।
16 हजार वर्ग मीटर में प्रस्तावित नया भवन चार मंजिला होगा। इसके भूतल पर पार्किंग की सुविधा होगी। इसमें 100 से अधिक चार पहिया वाहन खड़े हो सकेंगे। इसके निर्माण पर 54 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
डीएम, एडीएम के दफ्तर व कोर्ट समेत अन्य कार्यालयों को रेलवे बस स्टेशन के सामने स्थित पर्यटन विभाग में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं एसएसपी समेत पुलिस अफसरों के भी कार्यालय, निर्माण पूरा होने तक दूसरी जगह शिफ्ट होंगे।
1902 में बनी थी कलेक्ट्रेट की इमारत, घोषित हो चुकी निष्प्रयोज्य
कलेक्ट्रेट की मुख्य इमारत में ही डीएम, एडीएम समेत एसएसपी और एसपी आदि पुलिस अफसरों के भी कार्यालय हैं। 1902 में बनी कलेक्ट्रेट की इस इमारत की उम्र पूरी होने के साथ ही लोक निर्माण विभाग इसे बहुत पहले ही निष्प्रयोज्य घोषित कर चुका है।
पिछले पांच वर्षों यानी सपा शासन से ही नई इमारत के लिए प्रयास किया जा रहा था मगर इसे गति मिली प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के आने के बाद। नई इमारत में डीएम, एडीएम, एसडीएम समेत 14 कोर्ट, अलग-अलग चैंबर 100 से अधिक लोगों की क्षमता वाले दो अलग-अलग सभागार और तीन सौ से अधिक वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग की भी सुविधा होगी।