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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा रामगढ़ताल के 500 मीटर दायरे में मानचित्र स्वीकृत करने पर लगी रोक अब हट सकती है। सिर्फ ताल के किनारे घोषित हुए वेटलैंड क्षेत्र में ही प्रतिबंध रहेगा। बुधवार को जीडीए बोर्ड की बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा, जहां मंजूरी मिलने की भी पूरी उम्मीद है।
ऐसा हुआ तो हजारों की संख्या में लोगों को राहत मिलेगी। मानचित्र नहीं स्वीकृत होने से बहुत से लोग अपने प्लॉट पर निर्माण नहीं शुरू करा पा रहे थे। जिन्हें दूसरी या तीसरी मंजिल पर निर्माण कराना है, उन्हें भी राहत मिलेगी। जीडीए का राजस्व भी बढ़ेगा।
दरअसल, एनजीटी की तरफ से गठित हाई पावर कमेटी ने रामगढ़ताल के 500 मीटर दायरे को वेटलैंड बताते हुए इस क्षेत्र में नए निर्माण नहीं कराने और पुराने सभी निर्माण ध्वस्त करने की संस्तुति की थी। इसके बाद जीडीए ने करीब डेढ़ साल से इस दायरे में नए मानचित्र स्वीकृत करने पर रोक लगा दी थी। इसी बीच सात दिसंबर 2020 को शासन ने रामगढ़ताल वेट लैंड का फाइनल नोटिफिकेशन कर दिया।
इसके मुताबिक ताल से सटे चारों तरफ की जमीन के बजाए गाटावार वेट लैंड का क्षेत्र निर्धारित किया गया है। साथ ही ज्यादातर क्षेत्रों में सिर्फ 50 मीटर के दायरे की ही जमीन को वेटलैंड घोषित किया गया है। 12 जनवरी 2021 को एनजीटी में हुई सुनवाई में भी जीडीए को इस मामले में राहत मिल गई है। अब प्राधिकरण वेटलैंड नोटिफिकेशन और एनजीटी के फैसले के अनुपालन के क्रम में बोर्ड में यह प्रस्ताव रखेगा कि वेटलैंड का क्षेत्र छोड़कर 500 मीटर के दायरे में अब मानचित्र स्वीकृत किया जाए।
सिटी डेवलपमेंट प्लान और मानबेला किसानों पर भी होगी चर्चा
गोरखपुर में सुनियोजित विकास का प्लान तैयार कर जिस तरह से अयोध्या नगरी के कायाकल्प की तैयारी है ठीक उसी तरह गोरक्षनगरी को भी और विकसित कर चमकाने की योजना बनने जा रही है। मेट्रो सिटी की तरह यहां सभी जरूरी सुविधाएं और संसाधन विकसित किए जाएंगे। इसके लिए सिटी डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाएगा।
इसे तैयार करने की जिम्मेदारी कंसलटेंसी फर्म को दी जाएगी। जीडीए बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा जाएगा। इसके अलावा बैठक में एकीकृत मंडलीय कार्यालय और मानबेला में निर्माणाधीन पीएम आवास का मामला भी रखा जाएगा। मंडलीय कार्यालय ,उपश्रमायुक्त कार्यालय परिसर में बनाया जा रहा है। जीडीए ही इसका निर्माण कराएगी। इसे लेकर डीपीआर तैयार किया जा रहा है।
इस भवन में सभी मंडलीय विभाग शिफ्ट किए जाएंगे। वहीं, शासन से फंड नहीं मिलने की वजह से मानबेला में पीएम आवास का निर्माण सुस्त पड़ गया है। बैठक में इस बात पर निर्णय हो सकता है कि प्राधिकरण अपने खर्च से इसका निर्माण पूरा कराए और फिर शासन से जब फंड जारी होगा तो वह उसका इस्तेमाल कर लेगा।
कुछ महत्वपूर्ण एजेंडों को लेकर 10 मार्च को जीडीए बोर्ड की बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक में सिटी डेवलपमेंट प्लान सहित कुछ और प्रस्तावों पर चर्चा होगी। – राम सिंह गौतम, सचिव, जीडीए
सिटी डेवलपमेंट प्लान और मानबेला किसानों पर भी होगी चर्चा