गोरखपुर शहर के विकास पर 473 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नगर निगम कार्यकारिणी ने सोमवार को बजट पर मुहर लगा दी। विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही पार्षद वरीयता मद में निगम के सभी 70 वार्डों में 30-30 लाख के विकास कार्य कराए जाएंगे। कार्यकारिणी ने एम्स के पास करीब 1500 वर्ग मीटर जमीन लीज पर देने का फैसला किया है। इस पर मरीजों के लिए आवासीय फ्लैट बनाए जाएंगे। इसे बनाने की जिम्मेदारी सेवा भारती को दी गई है।
नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक मेयर सीताराम जायसवाल की अध्यक्षता में हुई। इसमें 399 करोड़ रुपये की आय और 473 करोड़ व्यय का बजट प्रस्तुत किया गया है। एजेंडा रखे जाने के बाद ही सपा पार्षद जियाउल इस्लाम ने इसपर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि पहले की बैठक में हुई कार्यवाही की पुष्टि का एजेंडा नहीं है। ऐसे में इसे सुधारा जाना चाहिए।
इसके बाद सपा पार्षदों द्वारा खूनीपुर निवासी शौकत अली को 527 वर्गफीट भूमि आवंटित करने की मांग रखी गई, जिसका भाजपा पार्षदों ने पुरजोर विरोध किया। उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा ने कहा कि ऐसे मामले से बचना चाहिए। बैठक में नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त डीके सिन्हा, पार्षद मनु जायसवाल, संजय श्रीवास्तव आदि की उपस्थिति रही।
एम्स में आने वाले मरीजों को मिलेगी राहत
एम्स में आने वाले मरीजों को राहत प्रदान करने के लिए नगर निगम कार्यकारिणी ने महादेव झारखंडी में आवासीय भवन बनाने के लिए जमीन देने को मंजूरी दी। प्रस्ताव नगर विकास विभाग के विशेष सचिव की तरफ से आया था। हालांकि, सपा पार्षद जियाउल इस्लाम ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि बगल में ही कब्रिस्तान की जमीन है। ऐसे में पहले पैमाइश की जानी चाहिए। जिस पर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि राजस्व की रिपोर्ट प्रस्ताव में है। इसके बाद 1500 वर्ग मीटर जमीन देने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया। यह जमीन सेवा भारती, गोरक्ष प्रांत माधव धाम को लीज पर दी जानी है।
वार्डों के विकास पर खर्च होंगे 30-30 लाख
शहर के सभी पार्षद अपने-अपने वार्डों में 30-30 लाख रुपये की लागत से विभिन्न विकास करा सकेंगे। कार्यकारिणी में पार्षद वरीयता के तहत वार्डों के विकास पर सहमति बनी। पहले उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा और आलोक सिंह विशेन समेत अन्य कार्यकारिणी सदस्यों ने 50-50 लाख रुपये खर्च का प्रस्ताव रखा। मेयर ने बताया कि बजट को देखते हुए 30-30 लाख रुपये के खर्च के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। पहले से ही सभी वार्डों में करोड़ों की लागत से विकास कार्य हो रहे हैं।
नगर निगम पर 40 करोड़ की देनदारी
कार्यकारिणी सदस्य आलोक सिंह विशेन ने नगर निगम की देनदारी के बारे में जानकारी मांगी। अधिकारियों ने बताया कि नए बोर्ड के समय निगम पर 127 करोड़ की देनदारी थी, जो अब 40 करोड़ रह गई है। आठ करोड़ रुपये की देनदारी निर्माण विभाग की बची है। मेयर ने बताया कि अगले सत्र तक निगम की किसी प्रकार की देनदारी नहीं रह जाएगी।
24 को होने वाली बैठक स्थगित
नगर निगम बोर्ड की 24 फरवरी को प्रस्तावित बैठक स्थगित कर दी गई है। अब बैठक छह मार्च को होने की संभावना है। दरअसल, अभी प्रदेश का विधानसभा सत्र चल रहा है। ऐसे में नगर निगम बोर्ड की बैठक नहीं हो सकती है, क्योंकि नगर निगम बोर्ड में विधायक भी पदेन सदस्य होते हैं। मेयर सीताराम जायसवाल ने बताया कि बोर्ड की बैठक छह मार्च को हो सकती है।
एम्स में आने वाले मरीजों को मिलेगी राहत