यूपीएससी की परीक्षा है क्या ऐसी परीक्षा है जहां इंसान अपने खून पसीना एक करने के बाद भी कभी-कभी सफलता नहीं पाता है.और कुछ लोग अपने दृढ़ निश्चय से सफलता पा लेते. हर साल सैकड़ों बच्चे यूपीएससी की परीक्षा में बैठते हैं और उसमें से कुछ बच्चे ही सफल हो पाते हैं. कई बच्चे कठिनाइयों के आगे घुटने टेक देते हैं तो कई ठान लेते हैं कि मुझे सफल होना ही है और वह सफलता पाकर ही दम लेते हैं.
हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे ही संघर्ष की कहानी. वैसे तो यह कहानी थोड़ी फिल्मी है लेकिन यह कहानी है IAS वनमती की. सी. वनमत जब केरल के एक गरीब परिवार में पैदा हुई , तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि एक दिन ये लड़की आईएएस बन जाएगी । पिता कैब चला करके किसी तरह से घर चलाते थे,इस परिस्थिति मे यूपीएससी क्लियर करना या सोचना असंभव सा लगता है, लेकिन वनमती ने मेहनत से IAS बन दिखा दिया.
वनमती को प्रेरित करने वाली दो चीजें थीं। पहला उनके गृहनगर में जिला कलेक्टर एक महिला थीं, जिन्हें सभी सम्मान देते थे और दूसरी गंगा यमुना सरस्वती नामक एक सीरियल थी, जिसमें नायक एक महिला आईएएस अधिकारी थी। वनमती यहां से प्रेरित हुईं और फिर अपनी मंजिल तय करके आगे बढ़ गईं।
वनमती को स्कूल जाने के साथ-साथ घर के कामों में भी हाथ बंटाना पड़ता था। इन्हें भैंसों को चराने के लिए जाना पड़ता, जानवरों को खिलाना भी पड़ता था। वनमती ने जब 12वीं की तो रिश्तेदारों ने शादी के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया, लेकिन आईएएस बनने का सपना लिए वनमती बगावत कर गयी और शादी से साफ इनकार कर दिया। इस दौरान परिवार का समर्थन भी वनमती के साथ रहा।
वनमती का परिवार भले ही आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं था, लेकिन परिवार हमेशा उनके साथ था और उन्हें किताबें मुहैया कराता था। सबसे जरूरी बात यह है कि उन्हे परिवार से समर्थन दिया जाता था। यह उनके माता-पिता के फैसले से अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि उन्होंने वनमति को आगे की पढ़ाई करने दिया। भले ही 12 वीं कक्षा पूरी करने के बाद लड़की की शादी करना उनकी परंपरा का एक हिस्सा रहा है।
अपने ग्रेजुएशन करने के बाद बंद मति ने कंप्यूटर एप्लीकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के समय उन्होंने अपने खर्चे उठाने के लिए एक निजी बैंक में जॉब भी किया. इसके बाद वनमती 2015 में यूपीएससी की परीक्षा दी, इस परीक्षा के लिए उन्होंने खूब मेहनत की थी और इस परीक्षा में उन्हें सफलता भी मिली.
सी. वनमती ने परीक्षा में 152वां स्थान हासिल किया। एक गरीब परिवार से नाता रखने वाली लड़की आईएस क्रैक कर गई और यह बात किसी ने कभी सोचा नहीं था कि एक गरीब परिवार की लड़की 1 दिन आईएएस क्रैक कर जाएगी.
वनमती प्रेरणा है और हर लड़कियों के लिए जो गरीबी में पली-बढ़ी होती है. वनमती को देखकर यह शिक्षा मिलती है कि अगर इंसान चाहे तो कुछ भी हासिल कर सकता है चाहे वह गरीबी हो या फिर कोई मुश्किल उसके रास्ता नहीं रोक सकता.