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IAS Success Story: कई बार मिली असफलता के बाद भी सलोनी ने नहीं माना हार,बनी IAS अफसर,जानिए सलोनी की सफलता की कहानी

अक्सर लोग कहावत कहते हैं कि मन से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. कई ऐसे यूपीएससी की तैयारी करने वाले विद्यार्थी होते हैं जो इस कहावत को सच कर दिखाते हैं. यूपीएससी की परीक्षा हर साल लाखों विद्यार्थी रहते हैं और इस परीक्षा को वही विद्यार्थी पास कर पाते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं.

आज हम आपको बताने वाले हैं सलोनी बर्मा के बारे में जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया में 70 वी रैंक लाया. सलोनी झारखंड की रहने वाली है. लेकिन उनकी जिंदगी का ज्यादा समय दिल्ली में बिता. उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. सबसे बड़ी बात थी कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के समय किसी भी तरह की कोचिंग की मदद नहीं लिया.

कोचिंग के बारे में सलोनी से पूछने पर उन्होंने बताया कि सबसे पहले हमें अपनी अंडरस्टैंडिंग और क्षमता की जांच कर लेनी चाहिए. टॉपर्स के अधिकतर इंटरव्यू देखने पर उनका कहना होता है कि कोचिंग के जरूरत यूपीएससी की तैयारी में बहुत ज्यादा नहीं पड़ती है.

अगर आप कड़ी मेहनत करते हैं तब को सही दिशा निर्देश मिलता है तो आप बिना कोचिंग भी इस परीक्षा को आसानी से पास कर सकते हैं. उनका कहना है कि कोचिंग नहीं करने पर आपके पास ज्यादा समय मिलता है और आप अपनी तैयारी और ज्यादा अच्छे से कर सकते हैं.

तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को सलाह-

सलोनी का कहना है कि यूपीएससी की तैयारी करने के समय पॉजिटिव रहना काफी ज्यादा जरूरी है. पहले यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को सिलेबस समझना चाहिए और सही स्टडी मटेरियल से तैयारी करनी चाहिए.

सबसे पहले जो आप को सबसे ज्यादा आसान लगे उसको पढ़िए उसके बाद जो भी से आपको सबसे ज्यादा भारी लगे उसको पढ़िए.विद्यार्थियों को अपने पढ़े हुए सब्जेक्ट का रिवीजन अधिक करना चाहिए. अभ्यार्थियों को एक ही प्रकाशन की सभी किताबें पढ़नी चाहिए क्योंकि अलग-अलग प्रकाशन की किताबें पढ़ने से विद्यार्थी कंफ्यूज हो सकते हैं.

सलोनी ने बताया कि उन्होंने कड़ी मेहनत की और एक सही रणनीति से यूपीएससी की तैयारी की. उन्होंने बताया कि मैंने पढ़ा हुआ बहुत बार किया और कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारी. सलोनी की कहानी उन सभी विद्यार्थियों के लिए एक मिसाल कायम करती है जिनका मानना है कि कोचिंग के बिना यूपीएससी की तैयारी नहीं की जा सकती.

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