लखनऊ। शहर के तमाम इमामबाड़ों व कर्बला में बुधवार को शिया समुदाय के सातवें इमाम हजरत मूसा काजिम की शहादत को याद कर नम आंखों से पुरसा दिया गया। कई जगह मजलिसें हुईं और इमाम के ताबूत की जियारत कराई गई। इस दौरान तमाम अंजुमनों ने नौहाख्वानी व सीनाजनी कर खिराजे अकीदत पेश की। लोगों ने गम में काले लिबास पहने और घरों में काले झंडे लगाए।
हुसैनाबाद स्थित छोटा इमामबाड़ा में खादिमाने इमामे मूसा काजिम की ओर से मजलिस हुई, जिसे मौलाना सैयद जाफर रिजवी ने खिताब किया। मौलाना जाफर ने इमाम की सीरत पर रोशनी डालते हुए कैदखाने में इमाम गुजरी मुसीबतों का जिक्र करते हुए उनकी शहादत का मंजर बयां किया। मजलिस के बाद हजरत मूसा काजिम और हजरत अबु तालिब के ताबूत की जियारत कराई गई। वहीं, ईराक से आए परचम की जियारत भी कराई गई। उधर, हजरत अबु तालिब की वफात की याद में इमामबाड़ा अबुतालिब हसनपुरिया में मर्सिये की मजलिस का आयोजन इदारे गुलामाने अबुतालिब ने किया। मजलिस में सैयद मोहसिन अब्बास ने मर्सिया पेश किया। मजलिस का आगाज कारी अलीजमा ने तिलावते कुरान पाक से किया। इसके बाद फरीद मुस्तफा, जफर बनारसी व खुशनूद मुस्तफा ने अपने कलाम पेश किए। अंजुमन खुद्दामे कर्बला की ओर से ऐशबाग स्थित कर्बला मलका जहां में आयोजित मजलिस को मौलाना यासूब अब्बास और मौलाना अब्बास तुराबी ने खिताब किया। मजलिस के बाद इमाम के ताबूत की जियारत कराई गई। मंसूरनगर स्थित इमामबाड़ा उम्मुल में मजलिस को मौलाना जाफर अब्बास ने खिताब किया।