लखनऊ। गिरधारी विश्वकर्मा मुठभेड़ के मामले में कोर्ट के आदेशों का पालन न करने और झूठे बयान देने के मामले में कोर्ट से जारी नोटिस का जवाब पुलिस ने दिया है। पुलिस उपायुक्त पूर्वी संजीव सुमन ने अपना स्पष्टीकरण शपथ पत्र दाखिल करते हुए बताया कि गिरधारी एनकाउंटर में उनके द्वारा सर्वोच्च न्यायालय की गाइड संख्या-3 का पूर्णतया पालन किया गया है और इस मामले की जांच पुलिस महानिरीक्षक अयोध्या परिक्षेत्र संजीव गुप्ता के नेतृत्व में की जा रही है। जिला न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने इस मामले में आदेश के लिए 22 मार्च की तारीख तय की है।
कोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर डीसीपी संजीव सुमन ने कहा कि 15 फरवरी की मध्यरात्रि में हुई मुठभेड़ की घटना की जांच सहायक आयुक्त हजरतगंज को दी गई थी। कहा गया है कि उसके बाद शासन के निर्देश पर विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया और पूरे मामले की जांच पुलिस महानिरीक्षक अयोध्या परिक्षेत्र संजीव गुप्ता के नेतृत्व में की जा रही है। इस प्रकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन संख्या 3 का पूरा पालन किया गया है। शपथ पत्र में यह भी कहा गया है कि जब सहायक पुलिस आयुक्त हजरतगंज द्वारा जांच की जा रही थी, तब टीम की निगरानी संयुक्त पुलिस कमिश्नर अपराध के अधीन थी जो मुठभेड़ टीम का नेतृत्व करने वाले पुलिस के अधिकारी के वरिष्ठ अधिकारी हैं।
कहा गया कि सर्कुलर के अनुसार मुठभेड़ की जांच पुलिस उपमहानिरीक्षक पद के अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए लेकिन वर्तमान समय में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने की वजह से डीआईजी पद नहीं है। पुलिस उपायुक्त संजीव सुमन ने अपने शपथ में कहा है कि वह कानून का पालन करने वाले हैं तथा उनके द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के किसी भी आदेश की अवहेलना नहीं की गई है और न ही वह किसी न्यायालय के आदेश की अवहेलना के बारे में सोच सकते हैं।