मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष बृहस्पतिवार को प्रस्तावित यूपी डेटा सेंटर पॉलिसी का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी सेक्टर में डेटा सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए नीति अत्यंत आवश्यक है। पॉलिसी को निवेशक फ्रेंडली बनाया जाए। इसके लिए सभी स्टेक होल्डर्स से विचार-विमर्श किया जाए ताकि क्रियान्वयन में कोई कठिनाई न आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेटा सेंटर पॉलिसी में शासन के हितों का पूरा ध्यान रखा जाए। पॉलिसी के तहत निवेशकों को दिए जाने वाले लाभ समय से मिलने चाहिएं। सुनिश्चित किया जाए कि डेटा सेंटर के लिए प्रस्ताव देने वाले निवेशक भी अपने प्रोजेक्ट को समय से पूरा करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेटा सेंटर की स्थापना से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे। इसलिए इस नीति को शीघ्र फाइनल करते हुए इसके तहत निवेश आकर्षित करने के प्रयास किए जाएं।
अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास और आईटी आलोक कुमार ने प्रजेंटेशन में डेटा सेंटर इंडस्ट्री, डेटा सेंटर स्थापित करने के आर्थिक लाभों, प्रस्तावित डेटा सेंटर पॉलिसी की टाइमलाइन, डेटा सेंटर पार्क स्थापित करने के लिए दिए जाने वाले प्रोत्साहन तथा इस पॉलिसी के वित्तीय प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत सिंह पाल, मुख्य सचिव आरके तिवारी व अन्य अधिकारी मौजूद थे।