ऑटो चालक सुधीर।
लखीमपुर का रहने वाले सुधीर को चार साल पहले कुछ लोगों ने धोखे से तेजाब पिला दिया थागले की आहार नली सिकुड़ी, खाना खाने से शुरू हो जाती है उल्टियां
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले का रहने वाला 25 साल का सुधीर बीते चार सालों से सिर्फ दूध-पानी और चाय के सहारे जिंदा है। वह दिनभर ऑटो चलाकर कमाई करता है, जिससे दो जून की रोटी का इंतजाम हो जाता है। लेकिन इतनी कमाई नहीं होती है कि वह अपना इलाज करा सके। दरअसल, साल 2017 में उसे कुछ लोगों ने धोखे से तेजाब पिला दिया था। इलाज से उस वक्त उसकी जान तो बच गई थी। लेकिन गले की नली सिकुड़ गई। इससे वह खाना नहीं खा पाता है। उसके जीवन में अब आयुष्मान योजना ने आशा की नई किरण दिखाई है। 30 मार्च को उसे ऑपरेशन के लिए लखनऊ बुलाया गया है।
लिक्विड पर जीने को मजबूर सुधीर
सुधीर, ब्लॉक पलिया के पलिया देहात का रहने वाला है। वह किराए का ऑटो चलाता है। दिन भर ऑटो चलाने के बाद जो कमाई होती है उसमें से 300 रुपए गाड़ी मालिक को देना होता है। इसलिए उसके इलाज का पैसा जमा नहीं हो पाया। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह जिला अस्पताल से ही इलाज कराता रहा। लेकिन उसकी समस्या जस की तस बनी रही। हालांकि इतना सुधार जरुर हो गया कि वह लिक्विड के रुप में पानी-दूध व चाय पीकर अपना पेट भरता है।
न घर वालों ने मदद की न ही समाजसेवियों नेसुधीर ने बताया कि उसने कई लोगों से मदद मांगी। लेकिन घरवालों से लेकर सामाजिक संस्थाओं तक किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। वह पिछले 4 वर्षों से चाय, दूध व पानी के सहारे ही अपना गुजारा कर रहा है। अगर वह कुछ खाता है तो वह उसकी गले की नली में फंस जाता है, जिसे उल्टी करना पड़ता है।
प्रधानमंत्री को शुक्रिया कहा
हालांकि अब सुधीर को एक उम्मीद की किरण नजर आई है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड के जरिए वह लखनऊ स्थित मेडिकल कॉलेज में दिखाने गया था, जहां उसे आगामी 30 मार्च को ऑपरेशन के लिए बुलाया गया है। सुधीर का कहना है कि अब ऑपरेशन के बाद ही पता चलेगा कि वह कुछ खा पाएगा या नहीं। सुधीर से जब यह पूछा गया कि अगर वह सही हो जाता है तो वह किस को धन्यवाद देगा तो उसने भारत सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया।
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