ये एलडीए है यहां फाइलें और कंप्यूटर के अलावा कर्मचारी भी गुम है। कुछ कर्मचारी तो 10 साल से गैरहाजिर चल रहे हैं। अब एलडीए प्रशासन ने ऐसे नौ कर्मचारियों की बर्खास्तगी की तैयारी की है।
ऐसे कर्मचारियों की सूची सचिव ने मांगी है। कार्रवाई पूरी करने के लिए संयुक्त सचिव डीएम कटियार को कहा है।
इसके अलावा बाबुओं को काम करने के लिए दिए कंप्यूटरों के सत्यापन कराने का काम भी सचिव ने शुरू करा दिया है।
सचिव पवन गंगवार ने बताया कि बिना सूचना दिए ड्यूटी से गायब रहना अनुशासनहीनता है। ऐसे कर्मचारियों की नौकरी जारी रखने का कोई औचित्य नहीं।
ऐसे नौ कर्मचारियों के ड्यूटी पर नहीं आने की जानकारी सामने आई है। उनके खिलाफ अंतिम नोेटिस जारी कर सेवाओं से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
इन कर्मचारियों में लिपिक संवर्ग या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। एलडीए प्रशासन इन कर्मचारियों की अलमारियां खुलवा रहा है।
ऐसे कर्मचारियों में कई ने एलडीए की फाइलें और कंप्यूटर जैसी वस्तुएं भी नहीं लौटाई हैं। इनमें से कुछ कर्मचारी तो 10 साल तक से गायब चल रहे हैं। इनका वेतन भी एलडीए रोक चुका है।
कंप्यूटर्स के सत्यापन का काम शुरू
संयुक्त सचिव डीएम कटियार ने बताया कि बाबू मो. हाशिम और बाबू प्रांशू शुक्ला के बीच एक कंप्यूटर गुम है। इसे लेकर दोनों का वेतन भी रोका गया है। इसकी जांच शुरू हो गई है। वहीं, सचिव के आदेश पर सभी बाबुओं को दिए गए कंप्यूटर का सत्यापन कराया जा रहा है। कुल 21 कंप्यूटर रूटीन के काम जैसे टाइपिंग या ऑनलाइन डाटा फीडिंग करने के लिए दिए गए हैं। मंगलवार तक इनका सत्यापन हो जाएगा। कुछ कर्मचारी सोमवार को छुट्टी पर रहे। इसकी वजह से सत्यापन नहीं हो पाया।
सर्वर पर होता है पूरा काम
सचिव का कहना है इन कंप्यूटर में कोई ऐसा डाटा नहीं रहता है, जिससे एलडीए का कोई नुकसान या भ्रष्टाचार जैसी बात हो। इसकी वजह यह है कि पूरा काम सर्वर पर होता है। अगर कंप्यूटर नहीं मिलता है तो नुकसान की भरपाई इसको स्वीकृत कराने वाले बाबू की सैलरी से कटौती कर भरपाई कराई जाएगी। वहीं, मो. हाशिम का कहना है कि उसने अपना पटल बदलने के बाद काम करने के लिए प्रांशू शुक्ला को कंप्यूटर दिया था। वह अब फोन बंद कर ड्यूटी से गायब है। वही बता सकता है कि उसने कंप्यूटर को कहां रखा है। सचिव ने कंप्यूटर की तलाश में प्रांशू शुक्ला की संभावित अलमारियां भी मंगलवार को खोलवाईं। अभी तक कंप्यूटर नहीं मिल सका है।