देवरिया डिपो से बृहस्पतिवार को लखनऊ के लिए निकली बस (यूूपी 53 सीटी 2856) के पिछले पहिये के आठ में से छह बोल्ट के नट रास्ते में ही गिर गए।
करीब 325 किमी. के सफर में चालक को इसकी भनक तक नहीं लगी। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ। मामले ने परिवहन निगम के देवरिया डिपो के जिम्मेदारों की लापरवाही को उजागर कर दिया है।
आलमबाग अड्डे पर शुक्रवार सुबह करीब 7:30 बजे 30 सवारियों को लेकर बस कानपुर के लिए निकली।
इस दौरान अन्य यात्रियों और चालकों व परिचालकों ने बिना नट के बस को जाते देखा तो शोर मचाकर चालक को इशारा किया। आननफानन बस से उतरकर सवारियों ने नजारा देखा तो दंग रह गए।
बस के पिछले पहिए के आठ नट-बोल्ट में से छह नट गिर चुके थे। ये बस देवरिया से बीते बृहस्पतिवार शाम को 35 सवारियों को लेकर लखनऊ के लिए निकली थी।
कार्यशाला कर्मियों का मानना है कि फिटनेस के दौरान सही से जांच नहीं की गई। इसके कारण छह नट ढीले होने के कारण बीच रास्ते गिर गए।
बस में 35 यात्रियों की तो आधिकारिक पुष्टि तो नहीं हो सकी, पर बस का पिछला पहिया निकल जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
ढाई माह से स्टीयरिंग की अनदेखी
देवरिया डिपो के सीनियर फोरमैन के द्वारा बस (यूूपी 53 सीटी 2856) की करीब ढाई माह से स्टेयरिंग की अनदेखी की जा रही है।
इसका खुलासा चालकों के द्वारा रजिस्टर पर दर्ज कराई शिकायत के वायरल होने से हुआ है। चालकों ने शिकायत की है कि बस की स्टीयरिंग का ऑयल लीकेज है। इससे मोड़ने पर स्टीयरिंग जाम हो जा रही है।
अफसरों को भेजी जा रही रिपोर्ट
सेवा प्रबंधक लखनऊ परिक्षेत्र परिवहन निगम, सत्य नरायन ने बताया कि आलमबाग अड्डे से प्रबंधन के द्वारा बस को चारबाग डिपो की कार्यशाला भेजा गया था। सीनियर फोरमैन सुभाष ने पहिए के नट-बोल्ट सही कराने के बाद बस को वापस आलमबाग भेजा। इस मामले की रिपोर्ट मुख्यालय एवं गोरखपुर के अफसरों को भेजी जा रही है।