नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों में हुए प्रदर्शन में पीएफआई फंडिंग के आरोपों की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चेयरमैन ओएम अब्दुल सलाम और उसके केरल प्रदेश अध्यक्ष नसरुद्दीन एलामारोम के ठिकानों पर छापा मारा। यूपी समेत 9 राज्यों में 26 ठिकानों पर कार्यवाई की गई। यूपी में लखनऊ व बाराबंकी में छापा मारा गया।
बताया जा रहा है कि ईडी को कार्रवाई के दौरान कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनकी छानबीन की जा रही है। ईडी के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में हिंसा के बाद ईडी ने दिल्ली मुख्यालय में एफआईआर दर्ज की थी। इसी मामले में यह छापे मारे गए हैं। धन शोधन मामले में सुबूत जुटाने के मकसद से यह कार्रवाई धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की गई। सलाम और एलामारोम के परिसरों पर भी कार्रवाई की गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी देश में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों को भड़काने के आरोपों के संबंध में पीएफआई के खिलाफ जांच कर रही है।
इन राज्यों में मारा छापा
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तलाशी अभियान तमिलनाडु में चेन्नई, मदुरई और तीनकाशी, कर्नाटक में बंगलूरू, बिहार में दरभंगा और पूर्णिया, उत्तर प्रदेश में लखनऊ और बाराबंकी, महाराष्ट्र में औरंगाबाद, पश्चिम बंगाल में कोलकाता व मुर्शिदाबाद, राजस्थान में जयपुर, दिल्ली में शाहीन बाग और केरल में कोच्चि, मलप्पुरम व तिरुवनंतपुरम जिलों में चलाया गया। इससे पहले केरल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में सीनियर असिस्टेंट सलाम और दिल्ली में पीएफआई के अन्य सदस्यों से पूछताछ की गई थी।
लखनऊ में हुई थी बड़ी हिंसा…
सीएए और एनआरसी के विरोध में पिछले वर्ष दिसंबर में हुए प्रदर्शन में लखनऊ में भी बड़ी संख्या में पीएफआई के लोग पकड़े गए थे। इसमें पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष नदीम भी शामिल था जो बाराबंकी का रहने वाला है। इसके अलावा लखनऊ समेत प्रदेश के अलग अलग जिलों से पीएफआई से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी की गई थी।
हाथरस कांड में भी आया था पीएफआई का नाम
पिछले दिनों हाथरस में दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद बिगड़े माहौल मैं भी पीएफआई का हाथ बताया जा रहा था। मथुरा पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर दावा किया था कि यह पी एफ आई के सक्त्रिस्य सदस्य हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले को अपने हाथ में लिया था। पकड़े गए आरोपी इस समय प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड पर हैं।
ईडी की कार्रवाई छापे किसानों के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने और भाजपा सरकार की नाकामी छिपाने की कोशिश है। यह सांविधानिक संस्थानों का राजनीतिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल का एक और उदाहरण है, लेकिन ऐसी कार्रवाइयों से कमजोरों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए आवाज उठाने से हमें कोई नहीं रोक पाएगा।
-ओएम अब्दुल सलाम, चेयरमैन पीएफआई