बसपा के पूर्व सांसद दाउद अहमद की रेजीडेंसी के पास बन रही बिल्डिंग का नक्शा एलडीए निरस्त कर सकता है। इसके लिए जहां सचिव ने रेजीडेंसी से बिल्डिंग की दूरी की जांच शुरू करा दी है। वहीं एएसआई की निर्माण पर आपत्ति पर स्वीकृत नक्शा का भी दोबारा से परीक्षण कराया जा रहा है।
सचिव पवन गंगवार का कहना है कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद भवन स्वामी को एक नोटिस भी दिया जाएगा। उनका पक्ष मिलने के बाद एलडीए नक्शा पर फैसला लेगा। अगर नक्शा निरस्त हुआ तो पूर्व सांसद की पूरी बिल्डिंग ही अवैध हो जाएगी। ऐसे में पूरी बिल्डिंग पर ही प्रवर्तन कीकार्रवाई शुरू कराई जाएगी। प्रवर्तन विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है। प्रवर्तन बिल्डिंग से रेजीडेंसी की दूरी नापने के बाद अपनी रिपोर्ट देगा। मानचित्र सेल से भी इस पर जवाब मांगा गया है कि नक्शा स्वीकृत कैसे हो गया? पांचवीं मंजिल को तोड़ने की कार्रवाई भी बृहस्पतिवार को एलडीए ने स्थगित कर दी। पुलिस मौके पर कार्रवाई कराने के लिए पहुंच गई थी।
सत्येंद्र सिंह के समय पास हुआ नक्शा
एलडीए ने यह नक्शा 30 जनवरी 2017 को स्वीकृत कि या है। चार मंजिला अपार्टमेंट के लिए यह मानचित्र एलडीए से स्वीकृत कराया गया था। उस समय एलडीए में सत्येंद्र सिंह वीसी थे। उनके अनुमोदन के बाद प्रभारी मानचित्र राहुल श्रीवास्तव ने इसे स्वीकृत किया है। सचिव का कहना है कि मानचित्र स्वीकृत करते समय एएसआई की अनापत्ति नहीं मांगी गई थी। जबकि, रेजीडेंसी की नजदीकी होने पर ऐसा होना चाहिए था।
एएसआई की भूमिका पर भी सवाल
प्रतिबंधित क्षेत्र में पूर्व सांसद की पांच मंजिला बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई, लेकिन एएसआई के अधिकारी कागजी कार्रवाई ही करते रहे। एलडीए को मानचित्र निरस्त करने के लिए कोई पत्र भी नहीं भेजा गया। निर्माण रुकवाने के लिए भी सूचना ही एलडीए को भेजी गई। 2019 में ही यह अवैध निर्माण चर्चा में आ गया था।