सपा के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के खिलाफ मुरादाबाद मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। मुरादाबाद के एक होटल में पत्रकारों की पिटाई के मामले में अखिलेश के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ है। अखिलेश यादव के अलावा नामजद रिपोर्ट में 20 अज्ञात सपा कार्यकर्ताओं पर भी मुकदमा दर्ज है।
दरअसल उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में अखिलेश यादव की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों पर हुए हमले की जांच के आदेश मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने पुलिस को दे दिए थे। शुक्रवार को मुरादाबाद के पत्रकारों ने मीटिंग कर बृहस्पतिवार को हुई घटना की निंदा करते हुए आक्रोश जाहिर किया था।
पत्रकारों ने मुरादाबाद के एसएसपी को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए एक प्रार्थना पत्र दिया था। अखिलेश यादव पर पत्रकारों को प्रेसवार्ता में बुलाकर उनपर हमला कराने और बंधक बनाने के आरोप लगे हैं।
बीजेपी के नेताओं ने अखिलेश पर साधा निशाना
विधि व न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने पत्रकारों पर हुए हमले की निंदा करते हुए समाजवादी पार्टी व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो लाल टोपी लगाते हैं, लोग उनसे सतर्क रहें।
पाठक ने कहा कि जिस तरह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में उनके सुरक्षा कर्मियों व कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों को पीटा, उसकी जितनी निंदा की जाए वह कम होगी। घटना में कई पत्रकारों को गंभीर चोटें आई हैं। यह लोकतंत्र के चौथे खंभे पर सीधा हमला है। सपा के लिए यह कोई नई बात नहीं है। प्रदेश में जब-जब समाजवादी पार्टी की सरकार रही है, तब-तब लोकतंत्र के चौथे खंभे पर हमले हुए हैं।
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