शासन के नियुक्ति विभाग ने बिकरू कांड के आरोपियों व अन्य को गलत तरीके से शस्त्र लाइसेंस जारी करने से संबंधित रिपोर्ट का अध्ययन शुरू कर दिया है। आईएएस व पीसीएस अधिकारियों के खिलाफ नियुक्ति विभाग और राजस्वकर्मियों के खिलाफ राजस्व परिषद कार्रवाई करेगा। बताया जा रहा है कि नियुक्ति विभाग प्रत्येक आरोपी के मामले की अलग-अलग पड़ताल करेगा।
बिकरू कांड की जांच के लिए गठित एसआईटी ने दहशतगर्द विकास दुबे, उसके परिजनों तथा सहयोगियों को नियम व प्रक्रिया का उल्लंघन कर शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाने की रिपोर्ट दी है। उसने 19 प्रशासनिक अधिकारियों व आठ राजस्वकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। गृह विभाग ने रिपोर्ट को कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों के विभाग को भेजा है। नियुक्ति विभाग ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि करते हुए इसके अध्ययन की बात कही है।
चूंकि एसआईटी ने आरोपियों का बिना पक्ष सुने कार्रवाई की सिफारिश की है। ऐसे में आरोपी कर्मियों का पक्ष लेना होगा। इसके बाद किस स्तर की क्या कार्रवाई हो सकती है, इस पर निर्णय होगा। बिना पक्ष लिए कार्रवाई किए जाने पर आरोपियों को कानूनी राहत मिलने की संभावना रहेगी।
एटा के डीएम भी आरोपियों में
आरोपियों में दो प्रमोटी आईएएस अधिकारी (तत्कालीन एडीएम और एसडीएम) भी शामिल हैं। इनमें उदयवीर सिंह यादव रिटायर हो चुके हैं जबकि सुखलाल भारती इस समय एटा के डीएम हैं। कई अन्य आरोपी अधिकारी भी रिटायर हो चुके हैं। उनके खिलाफ किस तरह कार्रवाई होगी, नियुक्ति विभाग व राजस्व परिषद को इस पर भी फैसला करना है।
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एटा के डीएम भी आरोपियों में