लखनऊ। महिला के अपहरण और गैंगरेप के मामले कोर्ट के आदेशों का अनुपालन न करने पर विभूतिखंड थानाध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट ने मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के एडीजे फूलचंद कुशवाहा ने मामले की सूचना अपर मुख्यसचिव गृह और जिलाधिकारी को देने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय की है।
कोर्ट ने विभूतिखंड थानाध्यक्ष के खिलाफ गवाह को पेश करने में कोताही बरतने के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश देते हुए थानाध्यक्ष को उनका उत्तर देने के लिए तीन दिन का समय दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस कोर्ट में अमरेश, मुन्ना और संदीप के खिलाफ महिला के अपहरण और गैंगरेप के मामले की सुनवाई हो रही है जिसमें तत्कालीन इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार राय की गवाही होनी है। कोर्ट ने कहा कि सतेंद्र राय गत वर्ष 16 मार्च को हाजिर हुए थे। उसके बाद कोविड के चलते सुनवाई नहीं हुई। कहा गया कि बाद में फिर से सतेंद्र राय को सम्मन, गिरफ्तारी वारंट भेजकर बुलाया गया लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। वहीं वर्तमान थानाध्यक्ष विभूतिखंड ने हर बार कोर्ट को बताया कि सरकारी काम के चलते वह बहुत व्यस्त हैं लिहाजा सतेंद्र राय को सम्मन नहीं दे पा रहे हैं।
कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मामला महिला अपराध जैसे गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है लेकिन गवाह के न आने से मामला विलंबित हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि थानाध्यक्ष विभूतिखंड कोर्ट से जारी आदेशों के अनुपालन में घोर लापरवाही और उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रहे हैं जो कि आपत्तिजनक है। वहीं कोर्ट ने इसके पहले 24 फरवरी 2021 को थानाध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से पत्र भेज कर गवाह को कोर्ट में हाजिर करने के लिए कहा था लेकिन थानाध्यक्ष ने उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाते आदेश का अनुपालन न करके अवमानना की है। इसके बाद कोर्ट ने थानाध्यक्ष के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज करने और इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को देने के साथ थानाध्यक्ष विभूतिखंड को जवाब देने के लिए तीन दिन का समय देने का आदेश दिया है।