महोबा के खनन व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत, भ्रष्टाचार और रिश्वत के मामले में अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार, कबरई थानाध्यक्ष देवेंद्र शुक्ला और सिपाही अरुण यादव को फरार घोषित किया है।
इसके पहले मामले के विवेचक और प्रयागराज के एसपी क्राइम आशुतोष मिश्र ने कोर्ट को बताया कि इंद्रकांत ने पाटीदार पर रिश्वत खोरी के आरोप लगाए थे। एक वीडियो जारी कर एसपी द्वारा अपनी हत्या की आशंका भी जतायी थी। इसके दूसरे ही दिन संदिग्ध परिस्थितियों में इंद्रकांत को गोली लग गई थी। पांच दिन बाद कानपुर के अस्पताल उनकी मौत हो गई थी। इस पर सरकार ने पाटीदार को निलंबित कर उन पर महोबा कोतवाली में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया था। इंद्रकांत पर कथित हमले के मामले में भी उन्हें नामजद किया गया था। तब से पुलिस तीनों की तलाश कर रही है। विवेचक ने 15 अक्तूबर को कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की थी। इस पर प्रभारी न्यायाधीश हरेंद्र बहादुर सिंह ने वारंट जारी करने का आदेश दिया था। अब भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट के विशेष न्यायाधीश गौरव शर्मा ने तीनों को फरार घोषित करने का आदेश जारी किया है। साथ ही विवेचक को 82 दंड प्रक्रिया की कार्रवाई से कोर्ट को अवगत कराने को भी कहा है।