राजधानी का यातायात सुधारने के लिए लेजर स्पीड रडार समेत कई उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके अलावा रोड इंजीनियरिंग की दिक्कतें दूर की जाएंगी। यह जानकारी एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सोमवार शाम पुलिस लाइंस में यातायात माह के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि दी। उन्होंने कहा कि कमिश्नरेट बनने के बाद से राजधानी की यातायात व्यवस्था में सुधार हुआ है। इसे और अधिक बेहतर बनाने के लिए भविष्य में कई योजनाएं शुरू की जाएंगी।
एडीजी कानून व्यवस्था ने कहा कि पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, एनएचएआई के साथ बैठक कर राजधानी के प्रमुख मार्गों पर रोड इंजीनियरिंग की समस्या को हल कराया जाएगा। ट्रैफिक व्यवस्था पहले से काफी सुधरी है। जनता के सहयोग से इसमें और सुधार किए जाएंगे। इससे पूर्व एडीजी स्थापना संजय सिंघल ने हादसों पर लगाम लगाने और जनसहयोग से यातायात व्यवस्था सुधारने की आवश्यकता जताई। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि लेजर स्पीड रडार से एक किलोमीटर दूर से ही वाहन की रफ्तार का पता लगाया जा सकेगा। इसके बेहतर गुणवत्ता के कैमरों से आधा किलोमीटर दूर तक के वाहनों की नंबर प्लेट देखी जा सकेगी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था नवीन अरोरा ने पॉवर पाइंट के माध्यम से यातायात माह में ट्रैफिक सुधार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यातायात माह में कुल 73785 चालान करके 13201750 रुपये जुर्माना वसूला गया। एनसीसी, स्काउट्स, ट्रैफिक वार्डन की मदद से यातायात जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए। अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला गया। चौराहों से बसों, टेंपो व ऑटो वाहनों को 50 मीटर दूर खड़ा कराने की व्यवस्था की गई। इस मौके पर डीसीपी मध्य सोमेन बर्मा, एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा, एडीसीपी पूर्णेंदु सिंह व अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा, व्यापारी नेता पवन मनोचा तथा छात्र-छात्राएं मौजूद थे।