यूपी विधानमंडल के बजट सत्र के प्रश्नकाल में मंगलवार को बसपा के विधायक श्याम सुंदर शर्मा ने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर सवाल किया। उन्होंने पूछा कि राज्य सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर कोई विचार कर रही है या नहीं?
इस पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 रुपये किया गया था जिस पर विचार करने के बाद प्रदेश सरकार ने इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया। फिलहाल प्रदेश सरकार मानदेय बढ़ाने पर कोई विचार नहीं कर रही है।
जवाब पर बसपा विधायक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मानदेय की सीमा तय नहीं कर रखी है। सरकार को इस मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री ने बसपा विधायक पर किसी खास मकसद से टीआरपी बढ़ाने का आरोप लगाया जिस पर हंगामा मच गया। बसपा विधायकों ने बेसिक शिक्षा मंत्री के बयान पर हंगामा कर दिया और टिप्पणी को आपत्तिजनक बताया।
सदन में बसपा नेता लालजी वर्मा ने इसे आपत्तिजनक टिप्पणी बताते हुए कड़ा विरोध किया और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से टिप्पणी को सदन की कार्रवाई से तुरंत हटाने का आग्रह किया। हंगामा बढ़ता देख सतीश द्विवेदी अपने स्थान पर उठे और कहा कि मेरा ऐसा कोई आशय नहीं था। अगर मेरी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। इसके बाद मामला शांत हुआ।
मामले पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि लिखित जवाब से स्पष्ट है कि मानदेय बढ़ाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।