लखनऊ विकास प्राधिकरण में संपत्ति विभाग के बाबुओं की अलमारियों से सालों पुरानी फाइलें निकलने से एक सवाल यह खड़ा होता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं? जो बाबू तीन साल पहले बर्खास्त या सेवानिवृत्त हो गए, उनकी अलमारियां अब तक क्यों नहीं खोली गईं? अगर बाबू रिकॉर्ड रूम में फाइलें जमा नहीं करते हैं तो इसके लिए सिर्फ वहीं जिम्मेदारी हैं? अधिकारी भी रिकॉर्ड को ठीक से रखने को प्राथमिकता क्यों नहीं देते हैं? बुधवार को जब संपत्ति विभाग में सालों से बंद अलमारियां तोड़ी गईं तो फाइलों संग कई सवाल भी निकले।
अपने काम कराने के लिए आवंटी एलडीए के चक्कर काट रहे हैं, पर उनकी फाइलें गुम बताई जा रही हैं, वहीं, उनके अधूरे कामों की फाइलें बाबुओं की अलमारियों से निकल रही हैं। ऐसे में फाइलों के रखरखाव ने एलडीए के रिकॉर्ड रखने की व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि किसी भी योजना की फाइल केंद्रीय रिकॉर्ड रूम या संपत्ति विभाग में ही अलग से रिकॉर्ड रूम बनाकर क्यों नहीं रखी जाती है। कई बार तो कार्यालय में फाइल होती ही नहीं हैं। यह भी कहा जाता है कि जिस फाइल में गड़बड़ी की गई होती है, वह एलडीए के रिकॉर्ड रूम तो क्या बाबू कार्यालय में ही नहीं रखता है।
फाइल खोने पर एफआईआर भी अज्ञात में
एलडीए में जब कोई डुप्लीकेट फाइल खोली जाती है, उस दौरान एक एफआईआर पुलिस में कराई जाती है। इसमें कभी भी जिम्मेदार बाबू या अन्य कार्मिक का नाम नहीं दिया जाता है। अधिकारियों का तर्क होता है कि पुलिस अपनी जांच में नाम शामिल कर लेगी। ऐसे प्रकरण में पुलिस जांच भी कभी पूरी नहीं होती है।
अधिकारी क्यों बने रहते हैं लापरवाह?
फाइलों के रखरखाव को लेकर अधिकारी भी प्राथमिकता नहीं देते। पूर्व में फाइलों को डिजिटल करने के लिए एक अच्छी पहल हुई। इसे भी निजी एजेंसी की लापरवाही और एलडीए अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी ने फेल कर दिया। अब यह पूरी प्रक्रिया ही रोक दी गई। 24 हजार फाइलें खो जाने का ठीकरा भी निजी एजेंसी के ऊपर फूटा है। इसके लिए एलडीए एफआईआर भी करा चुका है।
लगातार उठते रहे सवाल
– 2019 में एलडीए परिसर में छुट्टी के दिन गड्ढ़ा खोदकर फाइलें दबाने पर सवाल खड़े हुए।
– 2018 में बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा की अलमारी तोड़कर फाइलें निकाली गईं।
– 2017 में डिजिटल प्रक्रिया के दौरान प्राधिकरण भवन के रिकॉर्ड रूम में आग लग गई।
– 2015 व 2017 में लालबाग कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में भी आग लगाने के प्रयास हो चुके।
वीसी के आदेश पर कवायद शुरू
वीसी अभिषेक प्रकाश ने अब रिकॉर्ड ठीक करने पर काम शुरू कराया है। बंद पड़ी अलमारियां खुलवाकर फाइलें निकलवाई जा रही हैं। लालबाग के रिकॉर्ड रूम को भी दुरुस्त करने के लिए वीसी ने कहा है। यह काम खुद संयुक्त सचिव ऋतु सुहास अपनी देखरेख में करा रही हैं। निजी एजेंसी से भी फाइलें वापस मांग ली गई हैं। वीसी का कहना है कि जल्दी ही बेहतर रिकॉर्ड रूम एलडीए में व्यवस्था का भाग होगा।