अनलॉक के बाद प्रदेश की राजस्व प्राप्तियों में लगातार चौथे महीने वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष नवंबर की अपेक्षा बीते नवंबर में 345.97 करोड़ अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। हालांकि यह वृद्धि अक्तूबर की अपेक्षा कम है।
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों को नवंबर की राजस्व प्राप्तियों के बारे में बताया कि प्रमुख कर-करेतर राजस्व प्राप्तियों में 10,903.87 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि वर्ष 2019 के नवंबर में यह 10557.97 करोड़ था।
इस तरह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में नवंबर में 345.97 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ। वैट, आबकारी, स्टांप व निबंधन तथा भूतत्व एवं खनिकर्म की राजस्व प्राप्तियों में नवंबर में भी वृद्धि हुई है। स्टांप रजिस्ट्रेशन में नवंबर के लक्ष्य का 103.8 राजस्व बढ़ा है। इसका मतलब है कि प्रॉपर्टी में निवेश बढ़ा है जो अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर संकेत है।
खन्ना ने बताया पिछले वित्तीय वर्ष के अगस्त से नवंबर की प्राप्तियों की तुलना में इस वित्त वर्ष के अगस्त में 600 करोड़, सितंबर में 890 करोड़ और अक्तूबर में 1828 करोड़ की वृद्धि हुई थी। जीएसटी के आंकड़े देर से आते हैं, इसलिए दीपावली के कारोबार से जीएसटी की वृद्धि दिसंबर के आंकड़ों में दिखेगी। एक सवाल के जवाब में खन्ना ने बताया कि विधायक निधि पर लगी रोक हटाने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।
प्राप्तियों पर इसलिए असर
जानकार बताते हैं कि तमाम रोकथाम के बावजूद चोरी-छिपे बड़ी मात्रा में शराब की खपत बिहार में होती रही है। प्रदेश में विधान परिषद चुनाव भी थे। इससे नवंबर में सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक जांच-पड़ताल और सख्ती रही। इसका असर आबकारी से होने वाली राजस्व प्राप्तियों पर पड़ा है। अक्तूबर में जहां लक्ष्य का 106 फीसदी राजस्व प्राप्त हुआ था, वहीं नवंबर में लक्ष्य का 83 फीसदी ही राजस्व मिला। इसी तरह परिवहन सेवाएं अभी भी पूरी तरीके से पटरी पर नहीं आ पाई हैं। इसका असर भी प्राप्तियों पर है।
मद नवंबर-2019 नवंबर-2020 वृद्धि/कमी
जीएसटी 4170.71 3712.69 -458.02
वैट 1765.95 2147.54 381.59
आबकारी 2273.85 2464.78 190.93
स्टांप-निबंधन 1421.37 1628.00 206.63
परिवहन 735.83 691.71 -38.12
भूतत्व-खनिकर्म 190.19 253.15 62.96
लक्ष्य दूर, चुनौतियां बरकरार
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयासों का अच्छा असर सामने आया है। लेकिन सरकार की आर्थिक चुनौतियां अभी कम होती नजर नहीं आ रही है। सरकार ने प्रमुख कर-करेतर राजस्व प्राप्ति के लिए नवंबर-2020 का लक्ष्य 13,825.24 करोड़ तय किया था। लेकिन यह 10,903.87 करोड़ ही पहुंच पाया जो लक्ष्य का 78.9 फीसदी रहा। इसी तरह वित्त वर्ष-2020 के अप्रैल से नवंबर तक का लक्ष्य 1,07,308.95 करोड़ रुपये था। मगर प्राप्तियां 67,475.64 करोड़ ही रहीं। आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है, लेकिन इसे रफ्तार पाने में अभी वक्त लगेगा। इसकी कीमत बजट में प्रस्तावित योजनाओं-परियोजनाओं को चुकानी पड़ेगी।
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