लखनऊ। लविवि के तिलक गर्ल्स हॉस्टल में शॉर्ट्स पर रोक का विवाद थमता नहीं दिख रहा है। बृहस्पतिवार को इससे जुड़ा नोटिस वायरल हुआ, जिसे विवि प्रशासन ने गलत बताया। वहीं, शुक्रवार को हॉस्टल के अंदर का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें प्रोवोस्ट की छात्राओं से ड्रेसकोड और हॉस्टल में आने-जाने के समय को लेकर बहस हो रही है। किसी छात्रा की ओर से बनाया गया यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद गहरा गया है।
वीडियो में प्रोवोस्ट छात्राओं से कहती दिख रही हैं कि हॉस्टल में मनमर्जी नहीं चलेगी। शॉर्ट्स पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्या तुम इसे पहनकर क्लास में जा सकती हो? हॉस्टल में मेल स्टाफ भी काम करता है। इस लिहाज से भी यह ठीक नहीं है। अगर बहुत आजादी चाहिए तो पैसा वापस ले लो और बाहर जाकर रहो। मैं इसकी अनुमति नहीं दे सकती। मामले में जाकर डीएसडब्ल्यू या चीफ प्रोवोस्ट से मिल लो। मुझे ऊपर से जो आदेश मिला है, उसे लागू करवा रही हूं। मैं अपना नियम बनाने के लिए स्वतंत्र नहीं हूं। वहीं, छात्राएं कह रही हैं कि हम शॉर्ट्स पहनकर बाहर नहीं आते हैं। कम से कम अपने कमरे व लॉबी में तो इसकी अनुमति मिले। प्रोवोस्ट के सवाल पर कहा, अगर आरामदायक महसूस करेंगे तो अन्य जगह भी शॉर्ट्स पहनकर जाएंगे। यह भी कहा कि क्या पैसा पाबंदियों के लिए दिया है। जो वाजिफ नियम हैं, उन्हें सब मान रहे हैं। हॉस्टल में आने का समय आठ बजे हो। वीडियो को ट्विटर से लेकर इंस्टाग्राम तक पर छात्रों ने खूब शेयर किया। छात्राओं के समर्थन में काफी कमेंट भी आए। प्रोवोस्ट का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने बात नहीं की।
विवि की छवि को धूमिल किया जा रहा
विवि प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रोवोस्ट और छात्राओं के बीच अनौपचारिक बातचीत का वीडियो है। विवि ने किसी कपड़े पर रोक का कोई आदेश नहीं जारी किया है। उन्होंने कहा कि जब विवि एकेडमिक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, तो कुछ लोगों की ओर से छात्रावास में छात्राओं के कपड़े संबंधी विवाद को पैदा करना निंदनीय है। विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने का प्रयास है।