लखनऊ में सिटी बस सेवा के संविदाकर्मियों ने वेतन न मिलने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। आज दोपहर बाद यूनियन और अधिकारियों के बीच वार्ता होनी है।
- सिटी बस सेवा के संविदाकर्मी अपने बकाया वेतन की मांग कर रहे हैं
- कर्मचारियों ने कहा है कि मांगे नहीं माने जाने पर नहीं करेंगे काम
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सितंबर से सिटी बस में कार्यरत 1000 संविदा कर्मियों के बकाए वेतन का मामला आज सुलझने की कगार पर है। यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया है कि रविवार को दोपहर बाद उच्चाधिकारियों ने वार्ता के लिए बुलाया है। यदि वार्ता सफल होती है तो सिटी ट्रांसपोर्ट की बस सुविधा निरंतर चलती रहेगी। यदि वार्ता असफल होती है तो हम हड़ताल पर जाएंगे।
दरसअल, दुबग्गा और गोमतीनगर डिपो में कार्यरत तकरीबन 1000 संविदाकर्मियों का वेतन सितंबर माह से बकाया है। कई बार इस संबंध में अधिकारियों को अवगत भी कराया गया है लेकिन समस्या का समाधान नही हो सका है। चूंकि त्यौहार नजदीक है ऐसे में संविदा कर्मी वेतन के लिए आस लगाए हुए हैं। संविदाकर्मियों ने रविवार से ही हड़ताल का एलान किया था लेकिन उच्चाधिकारियों ने आज वार्ता के लिए बुला लिया है। इसलिए हड़ताल को वार्ता के निर्णय तक टाल दिया गया है।
32 रुटों पर 160 बसों में 18 हजार यात्री प्रतिदिन करते हैं सफर
आपको बता दे कि लखनऊ में 32 रुट पर 160 बसों में प्रतिदिन 18000 हजार यात्री सफर करते हैं। कोरोनाकाल से पहले इन बसों से 1 करोड़ 30 लाख की आय होती थी। जोकि अब सिमट कर 90 लाख पर आ गयी है। वहीं संविदाकर्मियों का बकाया वेतन भी लगभग 90 लाख ही है।
वार्ता विफल हुई तो जाम होंगे बसों के चक्के
संविदा कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राजकमल सिंह ने बताया कि दोपहर बाद वार्ता के लिए अधिकारियों ने आमंत्रित किया है। यूनियन का एक डेलिगेशन अधिकारियों से वार्ता करेगा। उम्मीद है कि इस वार्ता के समस्या का हल निकल आएगा। यदि वार्ता विफल रहती है तो बसों के चक्के हम जाम करेंगे।
Input – Bhaskar.com