सीतापुर जिले के थाना इमलिया सुल्तानपुर इलाके में छेड़छाड़ से आहत होकर एक छात्रा ने देर रात फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। उसका शव घर के कमरे में ही फंदे पर लटकता मिला। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंच गई है। इमलिया सुल्तानपुर इलाके के एक गांव की रहने वाली 15 साल की किशोरी शहर के एक विद्यालय में कक्षा नौ की छात्रा थी।
बताते हैं कि 17 मार्च को वह स्कूल से पढ़कर स्कूटी से सवार होकर घर जा रही थी। इस बीच काजी कमालपुर से कुसुमा को जाने के लिए मुड़ी थी। आरोप है कि रास्ते में गांव का ही निवासी छोटू आ गया और उसने स्कूटी रोक ली और स्कूल बैग छीनकर छेड़छाड़ करने लगा। इसको लेकर छात्रा ने काफी विरोध किया। दोनों के बीच काफी विवाद हुआ।
इसके बाद छात्रा वहां से घर चली आई और पूरी बात परिवार को बताई। पिता ने मामले की तहरीर काजी कमालपुर पुलिस चौकी को दी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई और रस्म अदायगी कर मौके से चली गई।
इसके बाद छात्रा के पिता ने थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर दी लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं। अगले दिन शुक्रवार को छात्रा फिर से स्कूल से पढ़कर स्कूटी सवार होकर घर जा रही थी। उसके साथ उसी स्थान पर फिर से युवक ने छेड़खानी की। किसी तरह से आरोपी के चंगुल से छूटने के बाद किशोरी घर पहुंची। परिवार को फिर से आपबीती बताई। रात में अपनी बहन के साथ कमरे में करीब 11 बजे तक उसने पढ़ाई की। उसके बाद परिवार के सभी लोग सो गए। देर रात उसने कमरे में ही फांसी लगा ली। जिससे उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप पुलिस कार्रवाई करती तो न करती आत्महत्या
सुबह होने पर किशोरी का शव फंदे पर लटकता देख परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। किशोरी की खुदकुशी के बाद हरकत में आई काजी कमालपुर चौकी पुलिस ने फिलहाल आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
घटना को लेकर परिवार ने पुलिस पर संगीन आरोप जड़े। मृतका के परिवार का कहना है कि घटना को लेकर अगर पुलिस पहले ही चेत जाति और समय रहते आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर देती तो शायद उनकी बेटी जिंदा होती।
छेड़छाड़ और पुलिसिया कार्रवाई न होने से आहत होकर किशोरी ने जान दे दी है। एसओ इमलिया सुल्तानपुर संत कुमार सिंह ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों का आरोप पुलिस कार्रवाई करती तो न करती आत्महत्या