एलडीए ने शनिवार को हजरतगंज स्थित रानी सल्तनत प्लाजा की ऊपरी मंजिला पर बनी करीब दस करोड़ कीमत की दुकानों को तोड़ने का काम शुरू किया। एलडीए को 15 साल बाद इन्हें तोड़ने की सुध आई है। ऊपरी मंजिल को तोड़ने के लिए जेसीबी नहीं लगाई जा सकती थी, इसलिए हथौड़ों और ड्रिल मशीनों की मदद से निर्माण तोड़ा जा रहा है।
रविवार को भी कार्रवाई जारी रहेगी। चर्चा है कि यह कॉम्प्लेक्स भी एक चर्चित माफिया के पैसे से बना है, जिसका एक कॉम्प्लेक्स दो महीने पहले भी तोड़ा गया था। हालांकि एलडीए की ओर से यह जानकारी छुपाई जा रही है कि प्लाजा का मालिक कौन है। एलडीए की संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि हजरतगंज में साहू सिनेमा के पास स्थिति रानी सल्तनत प्लाजा के चौथे तल का अवैैैध रूप से निर्माण किया गया था। करीब 2250 वर्ग फीट क्षेत्रफल वाली इस तल पर नौ दुकानें बनाई गई थीं, जिनकी बाजार कीमत करीब दस करोड़ रुपये है। एलडीए से इनको लेकर कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इसे लेकर 2005 में वाद भी चलाया गया और ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया गया। यह मामला अब तक दबा था। जानकारी में आने पर अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के निर्देश एलडीए उपाध्यक्ष की ओर से दिए गए।
सुबह साढ़े सात बजे शुरू हुई कार्रवाई
प्लाजा की चौथी मंजिल पर बनी नौ दुकानों को तोड़ने के लिए एलडीए का दस्ता संयुक्त सचिव ऋतु सुहास की अगुवाई में सुबह साढ़े सात बजे ही हजरतगंज में प्लाजा पर पहुंच गया। कार्रवाई को लेकर दुकानदारों को एक दिन पहले ही जानकारी मिल गई थी, ऐसे में दुकानदारों ने ज्यादातर सामान निकाल लिया था। जो पूरा सामान नहीं निकाल पाए थे उनको सामान निकालने के लिए कुछ मोहलत भी दी गई। अवैैैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई के दौरान कुछ लोग विरोध करने भी पहुंचे, मगर भारी पुलिस बल के चलते उनको पीछे हटना पड़ा। शाम छह बजे तक आधा ही निर्माण टूट सका। बचे निर्माण को तोड़ने के लिए रविवार को भी एलडीए की टीम काम करेगी।