लखनऊ। हत्या आरोपियों को बचाने के मामले में पारा के पूर्व इंस्पेक्टर रणजीत सिंह भदौरिया पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उनके खिलाफ आरोपियों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए मृतक श्याम रावत के परिवारीजन ने सीबीसीआईडी से जांच की मांग की थी। जांच में इंस्पेक्टर को दोषी पाया गया। उनके खिलाफ जांच चल रही है।
पारा केभपटामऊ में 30 अप्रैल 2019 को श्याम रावत की मौत हो गई थी। श्याम के भाई राज ने आरोप लगाया था कि श्याम को उसके दोस्त भपटामऊ निवासी विनीत, राहुल व परमेश्वर घर से बुलाकर ले गए थे। योजना बनाकर श्याम की हत्या कर दी। श्याम की मां रामकली ने तीनों पर हत्या का आरोप लगाते केस दर्ज कराया था। पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद थाने से छोड़ दिया था।
मां ने लगाई सीबीसीआईडी जांच की गुहार
कार्रवाई न होने पर श्याम के परिवारीजन ने सीबीसीआईडी से जांच की गुहार लगाई थी। सीबीसीआईडी ने विवेचना इंस्पेक्टर आजाद सिंह केशरी को सौंपी। इसमें तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रणजीत सिंह भदौरिया को हत्या आरोपियों को बचाने का दोषी पाया गया। सीबीसीआईडी के निरीक्षक आजाद सिंह केशरी की तहरीर पर पुलिस ने पीड़ितों से अभद्रता, आरोपियों को बचाने और साक्ष्य छिपाने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। कुछ दिन पहले ही रणजीत सिंह का प्रयागराज स्थानांतरण हुआ था।