हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बढ़ रहे वायु प्रदूषण को रोकने के मामले में राज्य सरकार समेत यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) से पूछा है कि स्वच्छ वातावरण के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं और क्या किए जाने हैं। कोर्ट ने सरकारी वकील समेत यूपीपीसीबी के अधिवक्ता को इस सम्बन्ध में छह हफ्ते में जवाबी हलफ़नामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद दो सप्ताह में याची प्रति उतर दाख़िल कर सकेगा।
न्यायमूर्ति पंकज मितल और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने यह आदेश राधिका सिंह की जनहित याचिका पर दिया। याचिका में, वातावरण में वायु प्रदूषण से पैदा हुए धुंध-कोहरे को रोकने का मुद्दा उठाया गया है। इसके लिए याची ने पटाखों आदि पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए जाने समेत अन्य प्रभावी उपाय किए जाने की गुजारिश की है, जिससे हवा की गुणवता बरकरार रहे।
उधर, राज्य सरकार व यूपीपीसीबी के पेश वकीलों ने अदालत को बताया कि इस सम्बन्ध में कुछ और जनहित याचिकाएं लंबित हैं। कोर्ट ने एक लंबित जनहित याचिका के साथ इस याचिका को सम्बद्ध किए जाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार समेत यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(यूपीपीसीबी) से पूछा है कि स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं और क्या उपाय या योजनाएं लागू किए जाने हैं। मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।