सड़क और फुटपाथ पर अतिक्रमण कर बनाए गए 160 धार्मिक स्थल राजधानी की रफ्तार रोक रहे हैं। यह तथ्य सामने आया नगर निगम की 2016 में बनी सूची से।
शासन ने 2011 से पहले और उसके बाद अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों की रिपोर्ट मांगी है। 2016 को बनाई गई सूची के आधार पर स्थलीय सर्वे भी किया जाएगा कि कहीं 2011 के बाद कोई नया धार्मिक स्थल तो अतिक्रमण कर नहीं बनाया गया।
वहीं, ऐसे धार्मिक स्थलों को चिह्नित करने की काम प्रशासन ने भी शुरू कर दिया है। इसके लिए डीएम अभिषेक प्रकाश ने एडीएम प्रशासन अमर पाल सिंह को नोडल अफसर बनाया है।
एडीएम प्रशासन ने बताया कि शुक्रवार को शहर में करीब 160 ऐसे स्थलों को चिह्नित कर लिया गया है। ग्रामीण इलाकों में शनिवार को यह होगा।
शनिवार को सभी उपजिलाधिकारियों और नगर निगम की नोडल अफसर द्वारा भेजी गई सूची को कंपाइल कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि शासन के आदेश के तहत 2011 के बाद बने धार्मिक स्थलों को सड़क से हटाया जाना है जबकि इससे बने धार्मिक स्थलों को विस्थापित किया जाना है।
यह हैं धार्मिक स्थल
हजरतगंज पुरानी कोतवाली के सामने, गन्ना संस्थान डालीबाग, गोखले मार्ग, चिड़ियाघर के सामने, जीपीओ पार्क, बापू भवन के पास, नाका चौराहा, रीवर बैंक कॉलोनी, मंडलायुक्त कार्यालय के पास, श्रीराम रोड, झंडे वाला पार्क अमीनाबाद, आरके टंडन रोड, शहजनफ रोड, नियामतउल्ला रोड, ऐशबाग, राजानीपुरम, रकाबगंज।
जांच के बाद आएगी सही रिपोर्ट सामने
निगम द्वारा शुक्रवार देर शाम बनाई रिपोर्ट में 2011 के पहले और उसके बाद के 160 धार्मिक स्थल शामिल किए गए हैं। पांच साल पहले बनी सूची में कुल 163 धार्मिक स्थल थे। इसमें 162 धार्मिक स्थल 2011 के पहले के और एक 2011 के बाद का था।
अपडेट सूची बनाई जा रही
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि शासन के आदेश पर यातायात में बाधक बनने वाले धार्मिक स्थलों की अपडेट सूची बनाई जा रही है। सूची का स्थलीय सर्वे कर शासन को भेज दिया जाएगा।