UP में स्टूडेंट्स के लिए राहत की खबर।
प्रैक्टिकल परीक्षाएं रद्द, वर्चुअल होगा वाइबा, फर्स्ट और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट होंगे प्रमोट
उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों में फाइनल ईयर के सभी स्टूडेंट्स की परीक्षा कराने का फैसला किया है। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही यह अगली कक्षा में प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे जबकि स्नातक के फर्स्ट व सेकेंड ईयर तथा परास्नातक के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स प्रमोट होंगे।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने मंगलवार को आदेश जारी करके बताया कि प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों के यूजी व पीजी के स्टूडेंट्स अगली कक्षाओं में प्रोमोट होंगे।स्नातक के फर्स्ट व सेकंड और परास्नातक के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स अगली कक्षाओं में प्रोन्नत होंगे।
वहीं यूजी और पीजी के लास्ट सेमेस्टर की परीक्षाएं संपन्न कराई जाएंगी।सभी विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों को अगस्त के मध्य तक परीक्षा कराने के निर्देश दिए गए है।इस आदेश से प्रदेश के करीब 41 लाख स्टूडेंट्स अगली कक्षाओं में प्रोन्नत होंगे।
लास्ट सेमेस्टर की होने वाली लिखित परीक्षा इस बार तीन घंटे के स्थान पर सिर्फ एक घंटे की ही होगी।इसके बाद परिणाम भी सितंबर के पहले हफ्ते तक घोषित कर दिया जाएगा।प्रदेश में उच्च शिक्षा का नया शैक्षिक सत्र (2021-2022) 13 सितंबर से शुरू होगा। प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल तथा इंटर के बाद उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा को रद कर दिया है।
घटेगा एग्जाम का समय
03 घण्टे के स्थान पर एक-डेढ़ घण्टे की होगी।प्रश्न पत्रों के हल करने की समयावधि आधी हो जाने के कारण। परीक्षार्थियों को किसी प्रश्न पत्र में यदि 10 प्रश्नों के उत्तर दिए जाने थे, उसके स्थान पर 05 प्रश्नों के उत्तर दिए जाएं। इसी प्रकार लगभग 50 प्रतिशत के अनुपात में छात्र/छात्राओं द्वारा समस्त विषयों के प्रश्न पत्रों में हल किए जाने वाले प्रश्नों की संख्या निर्धारित की जा सकती हैं।परीक्षा के दौरान कोविड-19 से बचाव के समस्त प्रोटोकॉल एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा इसके लिए केन्द्रों की संख्या बढ़ायी जायेगी।
एक कमरे में छात्रों के बैठने की व्यवस्था इस प्रकार से की जाए कि सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन हो। कमरे में हवा की पर्याप्त व्यवस्था हो तथा खिड़कियों रोशनदान खोलकर परीक्षा सम्पन्न करायी जाय। परीक्षा के पहले एवं बाद में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था, अनिवार्य फेस मास्क एवं थर्मल स्कैनिंग की समुचित व्यवस्था की जाएगी। कोरोना संक्रमण के कारण यदि कोई छात्र परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाता है, तो उसके विशेष परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अवसर दिया जा सकता है।
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